लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश, निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए संचालित योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, पीएमईजीपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के तहत प्राप्त ऋण आवेदन पत्रों का निस्तारण समयबद्ध सुनिश्चित किया जाय। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
श्री सिंह ने यह निर्देश आज योजना भवन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के कार्यों की वीडियों कांफे्रंसिग के माध्यम से समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि 31 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की मैपिंग कराई गई है। इसमें से लगभग 08 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि शेष श्रमिकों को रोजगार दिलाने के कार्य तेजी लाई जाय। प्रवासी श्रमिकों को उद्योंगों की मांग के अनुसार कुशल बनाकर रोजगार से जोड़ा जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाय। मा0 मुख्यमंत्री जी का संकल्प है कि प्रवासी श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि सब्सिडी और स्टैम्प ड्यूटी में छूट के लिए उद्यमियों को कोई परेशानी न हो यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि 72 घण्टे के अंदर उद्यमियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। सरकारी विभागों में उद्यमियों की बकाया राशि का समाधान प्राथमिकता पर कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ओडीओपी आदि योजनाओं के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम शीघ्र शुरू कराया जाय। साथ ही अपरेंटिस कार्यक्रम में भी तेजी लाई जाय। इसके अलावा एमएसएमई के अन्तर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्र को सुदृढ़ किया जाय।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं के तहत प्राप्त ऋण आवेदनों को हर हाल में आगामी 15 जुलाई तक बैंकों को भेज दिया जाय। प्रत्येक जनपद में इसके लिए कैम्प लगाया जाय और मौके पर ही मामलों का निस्तारित किया जाय। इसकी पूरी सूचना 17 जुलाई तक मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों से नियत तिथि तक सूचना प्राप्त नहीं होगी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए तत्काल प्रवासी कामगारों को ट्रेनिंग देकर टूल-किट उपलब्ध करा दें, ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 कार्यक्रम के तहत सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) की स्थापना के जिन जनपदों से प्रस्ताव नहीं प्राप्त हुए है, वे तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध करायें।
बैठक में निदेशक, कौशल विकास मिशन श्री कुणाल सिल्कु ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अपरेंटिस योजना शुरू की है। इसके लिए वित्तीय सहायता भी दी जायेगी। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। जीएमडीआईसी को समिति का संयोजक नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि 30 श्रमिकों से अधिक की औद्योगिक इकाई में 2.5 प्रतिशत अपरेंटिस रखने का प्राविधान है। अपरेंटिस करने वाले व्यक्ति के लिए केन्द्र सरकार 1500 रुपये रिम्बर्स करती है। अब राज्य सरकार भी अपनी ओर से 1000 रूपये देगी। उन्होंने यह भी बताया कि 20 एमएसएमई इकाइयां यदि क्लस्टर बनाकर 40 से अधिक अपरेंटिस रखने का कार्य करती है, तो भारत सरकार 01 करोड़ रुपये तक की फंडिंग करेगी। इसकी अंतिम तिथि 30 जुलाई निर्धारित है।
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