मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। राजधानी स्थित एसजीपीजीआई में एक डॉक्टर द्वारा अपने साथ हुए अन्याय के कारण फेल होने पर सत्याग्रह करने के प्रकरण में उच्य स्तरीय ग्रीवांस जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है।
यह जानकारी स्वयं संस्थान के निदेशक डॉ राजेन्द्र कुमार धीमान ने दोका का सामना को दिया। उन्होंने बताया कि डॉ मनमोहन सिंह ने जो आरोप लगाया है गलत है।
वह फेल हो गये हैं तो सहन नहीं कर पा रहे हैं। मैं इस इंस्टीट्यूट के प्रथम बैच का विद्यार्थी रहा हूँ।यहां थियोरी में पास होने के बाद ही प्रयोगात्मक परीक्षा में बैठ सकते हैं। तीन वर्ष में इस परीक्षा को पास करना होता है। जिसमे चार पेपर होते हैं दो इंटरनल, दो एक्सटर्नल एग्जाम होते हैं।कोरोना की तबाही में बचते-बचाते आज ही इनके एक्जामनर आये, इनकी की कापी का रिजल्ट आया, ये पास नहीं थे तो इन्हें प्रैक्टिकल में नहीं शामिल होने दिया गया। मैं डॉ मनमोहन सिंह को ढूंढ़वा रहा हूँ, ये मिल नहीं रहे हैं। इनको तीन-चार बार मोबाइल किया, संदेश भेजा लेकिन यह कोई जवाब नहीं दिये। इनके विभागाध्यक्ष को इनके कमरे पर भेजा लेकिन यह नहीं मिल रहे हैं। ये न मिलें तो इनके अभिभाक ही मिल लें। हमारे विद्यार्थी हैं इनके साथ हमारा लगाव है, दुराव नहीं।