चक्रवात का खतरा, जान-माल का संभावित नुकसान

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कोलकाता। चक्रवात के संभावित प्रभाव को देखते हुए सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य संबंधित विभागों ने आपातकालीन बैठक की थी और राज्यों को हर संभव मदद के लिए रणनीति बनाई गई थी। पश्चिम बंगाल में पहले से ही सात कंपनी एनडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर और अधिक जवानों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में इंडियन कोस्ट गार्ड ने भी अपने जवानों और बोट को लोगों की सुरक्षा के लिए लगा दिया है। भीषण चक्रवाती तूफान “अम्पन” तेजी से बंगाल की खाड़ी के रास्ते पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बांग्लादेश के समुद्र तटों की ओर बढ़ता जा रहा है। इस पर केंद्र सरकार भी नजर रख रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन चक्रवात के समय केंद्र की ओर से राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

चक्रवाती तूफान के बुधवार शाम तक पश्चिम बंगाल के दीघा समुद्र तट से टकराने की आशंका है। उस समय इसकी गति 165 से 170 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। बीच-बीच में इसकी रफ्तार 195 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है, जिससे कच्चे मकानों, पेड़ों, बिजली और टेलीफोन के खंभों के गिरने की आशंका प्रबल है। इसमें जान-माल के संभावित नुकसान को देखते हुए अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आज फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है।

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मौसम विभाग ने राज्य सरकार के साथ समन्वय बना रखा है। आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन टीम के साथ समन्वय बनाकर काम करना शुरू कर दिया है। अमित शाह ने सीएम को आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार संकट के समय में राज्य सरकार के साथ मजबूती से खड़ी है। लोगों की सुरक्षा के लिए मिल-जुलकर काम किया जाएगा।

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