खुली पोल: कांग्रेस को आपदा के समय निम्नस्तर की सियासत की क्या जरूरत थी: कांग्रेस विधायक आदिति सिंह,नोटिस

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रायबरेली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के रायबरेली की सदर सीट से विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुये कहा कि कांग्रेस को आपदा के ऐन वक्त ऐसी निम्नस्तर की सियासत करने की क्या जरूरत थी।


कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने बुधवार को यहां कहा कि कांग्रेस को इस आपदा के वक्त ऐसी निम्नस्तर की सियासत की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक हज़ार बस की सूची भेजी थी। उसमें आधी से ज्यादा फर्जीवाड़ा है। 297 कबाड़ में पड़ी है। 98 ऑटो रिक्शा व एम्बुलेंस जैसी गाड़ीयां है, 68 वाहन बिना कागज़ात के है। ये कैसा क्रूर मजाक है।
उन्होंने अपनी ही पार्टी से प्रश्न करते हुए कहा यदि कांग्रेस पास बसे थी तो राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में क्यों नहीं लगाई है। वहां कांग्रेस की सरकार है या समर्थित सरकार है। उन्होंने कहा कोटा में जब उत्तर प्रदेश के हज़ारो बच्चे फंसे थे तब यह तथाकथित बसे कहाँ थी। कांग्रेस पार्टी घर की तो छोड़िए इन बच्चों को बार्डर तक न छोड़ पाई।
कांग्रेस विधायक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उस समय राज्य सरकार ने नियमानुसार बाकायदा राजस्थान सरकार से अनुमति लेकर रातो रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया। इसके अलावा अन्य जगह से भी प्रवासियों की भी नियमानुसार घर वापसी कराई गई है।
उन्होंने कहा कि जबकि कांग्रेस बसों के माध्यम से राजनीति दबाव बना रही थी। बसों को बार्डर पर ले जाकर खड़ा कर दिया और प्रदेश सरकार को सोचने का मौका भी नही देना चाहती थी यह उचित नहीं है।
इस मामले में रायबरेली से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी का कहना है कि कांग्रेस विधायिका स्वार्थवश इस तरह की टिप्पणी कर रही है। वह कांग्रेस की नीतियों पर ही चुनाव जीती है नैतिकता का तकाजा यही है कि वह पहले अपना इस्तीफा दे फिर इस प्रकार बयानबाज़ी करे। 

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कांग्रेस विधायक ने कहा कि कोटा में जब हजारों बच्चे फंस गए तब राजस्थान सरकार उन्हें सीमाओं तक नहीं छोड़ सकती थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को घर पहुँचने की सुविधा दी।कांग्रेस विधायक के ट्वीट पर प्रतिक्रिंया देते हुए कांग्रेस सचिव और रायबरेली प्रभारी के एल शर्मा ने कहा कि पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा में उनके खिलाफ एक नोटिस दिया गया था जो लंबित है। उन्होंने कहा, “वह जवाब देने से बच रही है और अध्यक्ष भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।” पार्टी ने उनके विधायक पद से अयोग्य घोषित करने का भी अनुरोध किया है।

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