भारत को अमेरिका से जल्द मिलेंगे एम एच-60 आर सी हॉक हेलीकाप्टर

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लॉस एंजेल्स।एम एच-60 आर सी हॉक हेलीकाप्टर का उपयोग एंटी सब मैरीन वारफ़ेयर में नहत्वपूर्ण योगदान होगा। ये जलस्तर के क़रीब से शत्रु के जहाज़ों पर नज़र रख सकेंगे। अमेरिकी नौसेना की ओर से भारत को प्राथमिकता के आधार पर तीन स्टेट आफ आर्ट एम एच-60 आर सी हॉक नेवल हेलीकाप्टर दिए जाने के आदेश हुए हैं।

सिकोर्स्क्य  नेवल हेलीकाप्टर के निदेशक टौम कोने ने  मीडिया से यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि इन खोजी हेलीकाप्टर को  प्राथमिकता के आधार  अगले वर्ष के प्रारंभ में हस्तांतरित कर दिया जाएगा। उन्होंने हेलीकाप्टर हतांतरन में तेज़ी लाने आदेश दिए हैं। उनका कहना था की भारत को इसकी तत्काल ज़रूरत है। इन तीनो हेलीकाप्टर को भारतीय स्तर के अनुकूल बनाए जाने और स्थानांतरित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इनके अलावा 21 हेलीकाप्टर सन 2023 और 2024 में दिए जाएँगे।

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डिफ़ेंस मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत पिछले एक दशक से इन हेलीकाप्टर की ज़रूरत महसूस कर रहा था। भारत के पास ब्रिटिश काल के नेवल हेलीकाप्टर थे, जो जर्जर हो चुके थे। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों का ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। चीन हिंद महासागर में जलस्तर के नीचे पिछले कुछ समय से नौ सेना, ड्रोन और अपनी जलगत नौसेना को सक्रिय करने में लगा था। यह समझौता अमेरिका और भारत के बीच हुआ है लेकिन यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत नहीं है। इसके बावजूद भारतीय रक्षा उद्योग के साथ मिल कर कुछ छोटे कामों को भारत में अंजाम दिया जा सकेगा। भारतीय रक्षा उद्योग कर्मियों को हेलीकाप्टर के रखरखाव के बारे में प्रशिक्षित किए जाने के बारे में कार्यक्रम तय किया गया है।
इन एम एच -60 सी हाँक हेलीकाप्टर में  ज़्यादातर परिवर्तन संचार और डाटा संबंधी किए जाने हैं। इस से यह अभिप्राय है कि भारतीय नौ सैनिक हलिकाप्तर चालक दल अपनी स्टेटेलाइट से सीधे सम्पर्क कर सकेंगे। इसके लिए देसी ‘सटकोम’ डाटा लिंक डाले जाने हैं। इस डाटा परिवरतन  के बाद चालक दल अपने अन्यान्य नौ सेना जहाज़ों से सम्पर्क रख सकेंगे। इनके अलावा ‘फलोटेशन सिस्टेम’ में भी परिवरत्न किए जाएँगे, जो अमेरिकी नेवी सिस्टम डाटा स्तर से भिन्न होंगे।
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