आजकल छोटा परिवार-सुखी परिवार का चलन है। बुद्धिजीवी वर्ग इसका पक्षधर भी है। इसमें कोई बुराई भी नहीं है, क्योंकि देश में जनसंख्या दिन ब दिन बढ़ रही है।
अधिकांश समस्याओं की वजह जनसंख्या का बढ़ना ही है। अगर जनसंख्या कम हो जाए तो देश की अधिकांश समस्या स्वत: समाप्त हो जाएगी या कम हो जाएगी। सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है, तो इसका सीधा सम्बन्ध जनसंख्या से ही है।
आम तौर पर पुरुष वर्ग अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कंडोम का प्रयोग करते है, जबकि विश्वभर में महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करती है, लेकिन क्या आप जानते है कि महिलाओं के गर्भ निरोधक गोलियों के प्रयोग का प्रभाव पुरुष पर भी होता है, जो कि शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से नकारात्मक रहता है। एक अनुसंधान में इससे पुरुष को प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका जताई गई है। एक अनुसंधान में यह भी दावा किया गया है कि पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने की इस आशंका के चलते वैज्ञानिकों इन दोनों के बीच संभावित संपर्क का पता लगाने की कोशिश की। इस अनुसंधान में सम्भावित संपर्क के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने की कोशिश की गई है।
कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल और प्रोस्टेट कैंसर के नये मामलों और इससे होने वाली मौत के मामले के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध होने का पता लगाया है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं के मूत्र से निकलने वाले ओस्टोजेन खाद्य श्रृंखला और पेयजल को संदूषित कर सकते हैं। यह हार्मोंस कुछ खास तरह के कैंसर का पोषण कर सकता है। हालांकि टोरंटो विश्वविद्यालय के डाक्टर डेविड मागर्ल और नील फ्लेशनर ने यह भी कहा है कि हालाकि उनका अध्ययन इनमें महज संपर्क होने की बात करता है और यह कोई सबूत नहीं है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी है पीपल का बहुत महत्व, पीपल के निकट यह बिल्कुल न करें
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