पेट में कीड़े होना एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना हर को जीवन में कभी न कभी करना ही पड़ता है। यह समस्या छोटी जरूर लगती हो, लेकिन हैं बहुत गंभीर। पेट के कीड़ों का प्रभाव हमारे पूरे स्वास्थ्य पर पड़ता है। वह भी नकारात्मक ढ़ंग से इसका प्रभाव होता है, निश्चित तौर पर यह हमारी सेहत के लिए अच्छा तो नहीं कहा जा सकता है।
इस समस्या से निजात पाने के लिए हम आपको आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें हमारे पूर्वज इस्तेमाल करते आए है और इस समस्या से निजात पाते रहे हैं। आज के दौर में हम उन असरकारी उपायों को भूल चुके हैं, ऐसे हमारी वेबसाइट उन घरेलू उपायों को आपके लिए प्रस्तुत कर रही है, उम्मीद करते हैं कि आपके लिए यह उपाय लाभकारी सिद्ध होंगे।
1- धतूरे के पत्ते, अरंड के पत्ते, मेंहदी के पत्ते, प्याज – इन्हें पीसकर गुदा पर लेप करें।
2- पुदीना, करेले के पत्ते, नीम की कोंपल, लहसुन – इन चारों को मिलाकर रस निकालें। इस रस को दो तोले नित्य पीये, निश्चित तौर पर लाभ होता है।
3- एनिमा द्बारा साबुन और नीबू का रस मिलाकर पानी गुदा – मार्ग से पेट में चढ़ायें। इससे कीड़े मरकर दस्त के साथ निकल जाते हैं।
4- नौसादर दो मासे पीसकर गरम पानी के साथ लेना चाहिए।
5- वायविडंग का चूर्ण, वायविडंग के क्वाथ के साथ सेवन करें। निश्चित तौर पर लाभ होता है।
6- सोंठ, काली मिर्च, पीपल वायविडंग, भुनी हींग, अजमोद, पीपरामूल, सज्जी – इनका क्वाथ बनाकर पीयें, लाभ होता है।
7- ढाक के बीजों को पीसकर नीम के रस के साथ खरल करके चने जैसी गोली बना लें, फिर शहद के साथ लें। इससे लाभ होता है।
8- जायफल एक माशा शहद के साथ चाटेंगे तो इससे लाभ होता है।
9- पीपल का चूर्ण नीबू के रस में साथ चाटेंगे तो इससे लाभ होता है, इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं।
1०- निशोथ, अजवाइन, नीम की कोंपल, नीबू की जड़, हींग कबीला – इन्हें गौ मूत्र में घोंटकर चने जैसी गोली बना लें और मठे के साथ लें।
11- शुद्ध अंडी का तेल ( कैस्टर ऑयल ) पिलाकर दस्त करावें। इससे लाभ होता है।
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