पुलिसकर्मियों के खून का प्यासा हो गया था विकास!
40 थानों की 100 टीमें विकास की तलाश में हैं!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। विकास को पुलिस के दविश की सूचना पहले विकास को थाने से फोन आया था। वह भागने की जगह पुलिस बल को ही निशाना बनाने की ठान लिया था।थाने से सूचना आने के बाद विकास आग-बबूला हो गया था। सूचना पाने के बाद विकास दुबे ने फोन करके 25-30 अपराधियों को बुला कर इकट्ठा किया।
उसके बाद हथियार से लैस होकर छतों पर पोजिशन लेकर बैठ कर पुलिस टीम का इंतजार करने लगे। विकास पुलिस कर्मियों को मारने का निर्णय कर लिया था। पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गये बदमाश ने बताया कि पुलिस के लोग विकास के संपर्क में रहते थे। उसने बताया कि क्षेत्र के लोगों की फरियाद वह घर पर ही सुन कर फैसला सुनाता था। बाहरी लोगों के साथ वह गांव के बाहर बगीचे में दरबार लगाता था। उसने बताया कि मुठभेड़ वाले दिन घण्टों गोली चली थी।आईजी कानपुर जोन मोहित अग्रवाल ने बताया कि विकास घर की दीवारों को चुना कर उसमें हथियार रखता था। उसके घर को गिराने के बाद पुलिस को हथियार बरामद करने में कामयाबी मिली। जिन पुलिस वालों के नंबर विकास के संपर्क में थे उन सभी से पूंछ तांछ होगी। जो भी दोषी होंगे वह बच नहीं पायेंगे। इस बीच एसटीएफ विकास के राजनैतिक संबंधों को भी खंगाल रही है। मोहित अग्रवाल ने कहा कि 2001 में तत्कालीन सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री की थाने में हत्या के मामले में अन्य मामलों में वह किन लोगों की लापरवाही के कारण छूटा इसकी भी जांच होगी। घटना के दो दिन
पहले विकास ने चौबेपुर थाने में किसी पुलिस कर्मी को थप्पड़ मारा था। विकास को पकड़ने के लिये कानपुर के 40 थानों की सौ टीमें लगी हैं। वह बहुत दिनों तक भाग नहीं पायेगा।इस बीच विकास दुबे को लखनऊ विकास प्राधिकरण से भी झटका लगा है। कानपुर रोड पर बने कृष्णानगर की इंद्रलोक कॉलोनी में विकास और उसके भाई दीप प्रकाश का मकान है। जिस प्रकार विकास कानपुर के मकान में दीवारों में हथियार चुना कर रखे होने की सूचना पर मकान ढहा दिया था उसी प्रकार लखनऊ के मकानों में भी हथियारों की तलाश में ढहायेगा।सूत्रों के अनुसार शासन से निर्देशों के बाद एलडीए के इंजीनियरों ने दोनों मकानों को ढहाने संबंधित फाइल बना लिया है। इस संदर्भ में पुलिस कमिश्नर ने एलडीए वीसी को लिखा पत्र लिख कर कारीवाई करने को कहा है। विकास को थाने से फोन आया था। सीओ को कुल्हाड़ी से मार कर घायल किया फिर गोली मारी गयी थी। फिलहाल तत्कालीन एसओ चौबेपुर विनय तिवारी के बाद अब उन पुलिसकर्मियों पर कठोर कारीवाई की तैयारी चल रही है जो वेतन पुलिस विभाग से ले रहे थे और डियूटी विकास दूबे की बजा रहे थे। विकास के सेवा ने जिले के कई थानों में तैनात पुलिसकर्मी शामिल हैं।