मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। विकास दुबे को लेकर पूछे गये सवाल पर उसका फाइनेंसर जय बाजपेयी धीरे-धीरे खुलने लगा।एसटीएफ को उसकी विकास गिरोह में गहरी पैठ, अफसरों और नेताओं से संपर्क, उनके साथ कारोबारी रिश्ते को लेकर बड़ी कामयाबी मिल सकती है।
विकास दुबे के पकड़े जाने के पहले जब पुलिस ने जय बाजपेयी को उठाया था तभी दोका सामना ने लिखा था कि “शिकंजे में जय तो सफलता तय”। जेल जाने से पहले शातिर जय बाजपेई ने अपना मुंह खोल दिया, उसने स्वीकार किया कि दुर्दान्त विकास दुबे के साथ 11.80 लाख का लेनदेन था। जय की सफाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। जय ने सभी राजनीतिक पार्टियों में अपने संबंधों को भी स्वीकार किया। इसके अलावा पुलिस की जांच में पता चला कि विकास ने जय की खाते में पांच लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया था। माती जेल ले जाते समय उसने वीडियो में कहा कि उसके और विकास के बीच 11.80 लाख रुपए का लेनदेन था। यह रुपए उसने विकास दुबे को उधार दिए थे। इसके अलावा उसका विकास से और कोई लेना देना नहीं था। मार्च से उसने विकास दुबे से बात भी नहीं की है। जय ने यह भी कहा है कि उसका घटना से कोई लेना देना नहीं है। लग्जरी गाड़ियों को लेकर पूछे गए सवाल पर उसने कहा कि वह फाइनेंस पर थी। एक दल के बड़े नेता के नाम पर गाड़ी होने की बात पर जय ने कहा कि उसके सभी राजनीतिक दलों में कई बड़े नेताओं से अच्छे संबंध है।प्रदेश के एक बड़े अधिकारी के यहां भी उसका आना जाना है। पुलिस के हाथ जो बैंक स्टेटमेंट्स की कॉपी लगी है। उसमें विकास दुबे ने जय और उसकी पत्नी के खाते में पांच- पांच लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया है। पुलिस इस ट्रांजेक्शन को भी कोर्ट में आधार बनाएगी। जय की पत्नी श्वेता बाजपेई ने कहा कि पुलिस ने जय को छोड़ दिया था फिर अचानक उठा लिया। उनका कहना था कि पुलिस ने गिरफ्तारी सही की है या गलत इसपर वह कुछ नहीं कहना चाहती मगर वह अपने पति की बेगुनाही जरूर साबित करेंगी। विकास के उनके खाते में पैसा डालने की बात पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं। बता दें कि एसटीएफ अभी भी बिकरु कांड में शामिल कई लोगों की तलाश में खाक छान रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विकास गिरोह से जुड़े गिरफ्तार लोगों को अलग-अलग पूंछ-तांछ करके एक-दूसरे के सामने और एक साथ सभी को बैठा कर पूंछ-तांछ करेगी तब ऐसे बहुत लोगों के नाम सामने आ जायेंगे जो समाज मे सराफत का चोला ओढ़ कर विकास के गुनाहों के मदतगार थे।