मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। गोंडा में व्यवसायी के बेटे का अपहरण होने की सूचना फैलते ही शहर में दहशत का माहौल बन गया। अपहरित बच्चे के पिता के घर धीरे-धीरे कुछ करीबी लोग जुटने लगे थे। सब लोग यही कह रहे थे कि इनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है तो ये लोग कौन हो सकते हैं जो बच्चे को उठा ले गये।
तब तक मोबाइल पर फोन आया। सभी परिजनों और कुछ शुभेच्छुओं की दृष्टि मोबाइल पर गड़ी थी। सामने से ऊंचे स्वर में एक महिला बोली “आवाज न आ रही हो तो बताइये” अपहरित बेटे के पिता ने कहा आवाज आ रही है। फिर महिला की ओर से आवाज आयी “हां तो आपका लड़का किटनैप हो चुका है। पिता ने पूछा “अच्छा तो क्या करना पड़ेगा”। महिला बोली 4 करोड़ की व्यवस्था करो। हम शाम तक फोन करेंगे और तुम सिर्फ हां-न में ही उत्तर देना,शाम तक”। अगर ज्यादा दिमाग लगाने की कोशिश की तो अभी तो सब कुछ ठीक है, जो करोगे हमें तुरंत पता चल जायेगा। बच्चे का पिता बोला नहीं, जैसा आप कहेंगी वैसा हम करेंगे। महिला बोली, कानपुर वाला मैटर तो आपने सुना ही होगा। बच्चे के पिता ने बोला कि कौन कानपुर वाला? महिला कड़ें आवाज में बोली विकास दुबे वाला मैटर तो आपको मालूम ही होगा कि पुलिस किसका कितना साथ देती है। पिता बोला नहीं, कुछ सेकेंड रुक कर बोला “न जान रहे हैं”। दूसरी ओर से महिला बोली “तो पुलिस तक जाने की कोई जरूरत नहीं है”। फिर बोली कि जाना चाहो तो जा सकते हो। मना नहीं कर रही हूं। बच्चे के पिता ने डर कर बोला नहीं, हमें हमारा लड़का चाहिये। फिर महिला बोली कि हम दो-तीन घण्टे बाद आपको फोन करेंगे।हां या न में ही सिर्फ जवाब सुनना है, जैसा होगा वैसा बताइयेगा। पिता बोला “जी-जी”। महिला ने फिर दहाड़ा और बोली कि “अगर आपने कुछ भी कदम उठाने की कोशिश की, तो आप लड़के की उम्मीद छोड़ दीजियेगा। विवश पिता ने बोला “नहीं हम कोई कदम नहीं उठाएंगे”। और मोबाइल कट गयी। कानपुर के अपहरण कांड से यूपी पुलिस बैकफुट पर थी। जहां फिरौती के 30 लाख देने के बाद अपहरित युवक की जान चली गयी थी। प्रदेश के राजनैतिक दलों ने मुद्दे की हाथों-हाथ उठा लिया था। इन परिस्थितियों को देख कर राज्य के एडीजे कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार खुद लीड कर रहे थे। उनके साथ एसटीएफ की तीन और एसएसपी गोंडा अपने टीमों के साथ पूरी रात जागे। सुबह तक अपहरणकर्ता पुलिस की गिरफ्त में थे। एडीजी ने अपहरित बच्चे को अपने हाथ से उसकी मां को सौंपा। इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है। महिला अपहरण के मास्टर माइंड सूरज पांडेय की पत्नी थी। अब तक पांच गिरफ्तारी हुई है।(1) सूरज पांडे पुत्र राजेंद्र पांडे निवासी शाहपुर थाना परसपुर जनपद गोंडा हाल मुकाम सकरोरा थाना करनैलगंज जनपद गोंडा, (2 )छवि पांडे पत्नी सूरज पांडे पता उपरोक्त,(3)उमेश यादव पुत्र रमाशंकर यादव निवासी सकरोरा पूर्वी थाना करनैलगंज जनपद गोंडा,(4)दीपू कश्यप पुत्र राम नरेश कश्यप निवासी सोनवारा थाना करनैलगंज जनपद गोंडा और राज पांडेय जो कि मास्टर माइंड सूरज पांडेय का भाई हैं। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि इस कामयाबी पर शासन ने यूपी एसटीएफ टीम और जिले की पुलिस टीम को एक-एक लाख का इनाम दिया है।