लखनऊ/ नयी दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद् के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से कराने के शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सुझाव को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि यह केवल अंध विरोध की भावना से प्रेरित एक ढोंग है। यह शिवसेना का कैसा पतन है जिसे कभी श्री बाला साहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनीति के लिए गढ़ा था। श्री कुमार ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् ने हमेशा स्पष्ट किया है कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में केवल 200 लोग रहेंगे और सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के सारे निर्देशों का पालन किया जायेगा। इस स्थिति में सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में श्री ठाकरे की चिंता विरोध करने के लिए रचा गया ढोंग मात्र है।
श्री कुमार ने कहा कि हमें श्री उद्धव ठाकरे का वक्तव्य देखकर आश्चर्य हुआ है जिसमें उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से कराने का सुझाव दिया है। यह सुझाव केवल एक अंधाविरोध करने की भावना से आया है।
विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि भूमि पूजन भवन निर्माण के पहले एक आवश्यक और पवित्र रस्म है। भूमि को खोदने से पहले पृथ्वी माँ की पूजा की जाती है, उनसे आशीर्वाद माँगा जाता है और वहां नींव खोदने की अनुमति ली जाती है। यह काम दिल्ली में बैठ कर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि कोरोना की सारी सावधानियाँ बरतते हुए देश सामान्य जीवन जीने की ओर बढ़ रहा है। थोड़े समय पहले ही उच्चतम न्यायालय ने जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी थी। श्री अमरनाथ यात्रा के स्थगित होने के बावजूद उस यात्रा को सारे धार्मिक रीति-रिवाजों को निभाया गया है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी है पीपल का बहुत महत्व, पीपल के निकट यह बिल्कुल न करें