मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। दुश्मन देश की नींद उड़ाने वाले पांच लड़ाकू राफेल विमानों के दल को फ्रांस से लेकर भारत आने वालों में उत्तर प्रदेश के दो विंग कमांडर गौरवान्वित हुये। इसमें से एक बलिया के जांबाज विंग कमांडर मनीष सिंह शामिल थे।
राफेल उड़ाकर भारत लाए जाने से बाद गांव में खुशी की लहर दौड़ गई और मिठाईयां बांटी जा रहीं है। बलिया जिले के बकवा गांव का रहने वाले विंग कमांडर मनीष सिंह का पैतृक गांव हैं।
फौजी परिवार से ताल्लुक रखने वाला मनीष में पिता, बाबा, भाई सभी रिटायर्ड फौजी है। विंग कमांडर के भाई अनीश ने बताया कि मनीष ने सैनिक स्कूल कुंजपुरा हरियाणा से शिक्षा लेने के बाद मनीष का चयन एनडीए के जरिये वायु सेना में शामिल है। मनीष 2003 में बतौर फ्लाइट लेफ्टिनेंट वायुसेना में भर्ती हुए थे। फिलहाल वह विंग कमांडर हैं। इससे पहले वह गोरखपुर में तैनात थे। उन्हें राफेल उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के फ्रांस भेजा गया था। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद राफेल को भारत लाने वाले दल में उनका चयन किया जाना पूरे परिवार के लिए गर्व की बात है।दो भाई और दो बहन में सबसे बड़े मनीष के राफेल उड़ाकर भारत लाए जाने से बकवा गांव में खुशी की लहर है। मनीष के पिता मदन सिंह को अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही वह उड़ते हुए जहाज को देखता था तो कहता था एक दिन बड़ा होकर हेलीकाप्टर उड़ाऊंगा। मनीष के फ्रांस में ट्रेनिंग में जाने के बाद उनकी सलामती से लौटने की मिन्नत मांगने वाली उनकी मां की माने तो बेटे के राफेल लाए जाने की खबर ने उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। उन्होंने मन्नत मांगी थी कि अगर बेटा राफेल लेन वाले दल में शामिल हो जाता है तो वह हवन कराएंगी। सीमा पर तनाव के समय थोड़ा डर तो लगता है, मगर उनके बेटे के लिए परिवार से बड़ा देश भक्ति है। विंग कमांडर मनीष के बचपन के मित्र की माने तो वह छोटी उम्र से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने की हमेशा बात करता था। उसे ऊंचे आसमान में जाने का काफी शौक था। मुझे गर्व है कि मेरा मित्र इतनी उचाईयों पर जा रहा हैं।