संत की वाणी: क्रोध के नाश के दो उपाय

0
994

क्रोध के नाश के प्रधान उपाय दो हैं 1- – सबमें भगवान को देखना । 2- सबकुछ भगवान का विधान समझकर प्रत्येक प्रतिकूलता में अनुकूलता का अनुभव करना। और भी अनेकों उपाय हैं , उनसे सावधानीके साथ काम लेना चाहिये । सर्वत्र सबमें भगवान को देखनेका अभ्यास करना चाहिये और जिनसे व्यवहार पड़ता हो उनको भगवान का स्वरूप समझकर पहले मन – ही – मन उन्हें प्रणाम कर लेना उनपर चाहिये । तदनन्तर यथायोग्य निर्दोष व्यवहार करना चाहिये । श्री भगवान् हैं , यह बात याद रखने पर व्यवहारमें निर्दोषता आप ही आप आ जायगी ।

तारकमन्त्र यानि ब्रह्मज्ञान, काशी – प्रयाग में मुक्तिदाता

Advertisment
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here