अयोध्या जन्मभूमि पूजन: …….कण कण में राम

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कमल वी सागर

राममय अयोध्या जन्मभूमि पूजन को सज सवर कर हो गई तैयार,  राममय कण कण है………..मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अनंत हैं, अविनाशी हैं। उनकी सम्पूर्ण गाथा को लिपिबद्ध करना आसान नहीं रहा होगा। तमाम रचनाकारों ने अपने-अपने बुद्धिबल के अनुसार उनकी पावन गाथा का वर्णन किया है। श्री राम ने जीवन के हर पड़ाव में आदर्श के उच्च मापदंड स्थापित किए हैं, वे अतुलनीय और अकल्पनीय है, इसलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए जाते हैं।

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