मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। विधान परिषद में सपा सदस्य शतरुद्ध प्रकाश ने कहा है कि 20 अगस्त से चलने वाले विधानमंडल के आगामी सत्र में कोविड 19 के चलते उन्हें व 65-70 वर्ष से ऊपर के अन्य सदस्यों को आवेदन करने पर वर्चुअल भागीदारी की अनुमति मिलनी चाहिए। यह व्यवस्था कोविड 19 पाजिटिव रहे लोगों के लिए भी होनी चाहिए। शतरुद्ध प्रकाश ने इस संबंध में विधान परिषद के सभापति रमेश यादव को एक पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी की अब तक कोई दवा या सूई नही बन पायी है । ऐसे समय में बचाव एंव सावधानी बरतना ही एक मात्र विकल्प बचा है जिसका पालन अति आवश्यक है। कोविड-19 के संक्रमण की आशंका के मद्दे नजर भारत के संविवधान के अनुच्छेद 194 के तहत बिना किसी भय के निर्भीक हो कर सदन की कार्रवाही मे भाग लेना कठिन होगा।
शतरुद्ध प्रकाश ने कहा कि अनलाक स्थिति में कई मंत्री, विधायक संक्रमित हुए हैं। एक महिला काबीना मंत्री की मृत्यु कोविड-19 की वजह से हो गई। जब सदन की कार्रवाही चलेगी तो सदस्य परिषद मे आने व जाने ले लिए मार्गो का उपयोग करेंगे। समस्या तो गंभीर तब होगी जब ऊपर से कोई सदस्य बोलेंगे तो उनके मुह से थूक की बूंदें ड्रापलेट या ऐयरोसोल के रूप निकलेंगी। बड़ी बूंदें केंद्रीकृत वातनूकूलित व्यवस्था मे फैलती हुई नीचे आएंगी और छोटी बूंदें(एयरोसोल) 6 फीट की दूरी में हवा मे तैरती रहेंगी। उन्हें जमीन पर आने मे कुछ घण्टे लगेंगे। संक्रमण हवा तैरते हुए रहेगा। यदि कुछ माननीय सदस्य नारा लगाते हुए वेल मे आ जाएंगे तो न तो शारीरिक दूरी रह पाएगी और न ही मास्क का धारण रह पाएगा। सारी एडवाइजरी का उल्लंघन होगा। सदन मे जाते समय टेस्टिंग मे निगेटिव सदस्य सदन की कार्रवाही मे हिस्सा लेने के बाद बाहर आ कर पॉजिटिव हो जा सकते हैं। इस कोविड-19 महामारी के संक्रमण का लक्षण 14 दिन बाद ही दिख पाएगा।विदित हो कि विधानसभा व विधान परिषद का सत्र इसी महीने 20 अगस्त से शुरू हो रहा है।