मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में कानपुर के बिकरु कांड की जांच कर रही एसआईटी शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा और पुलिस अधीक्षक (देहात) के बीच कथित बातचीत के ऑडियो की भी जांच कराएगी। यह ऑडियो हाल ही में वायरल हुआ था।
इसमें शहीद सीओ कहते सुने गए हैं कि थानाध्यक्ष चौबेपुर ने एक पूर्व एसएसपी को पांच लाख रुपये दे दिए। यह एसएसपी डीआईजी होने के बाद कानपुर से हटा दिए गए थे। ऑडियो में हो रही बातचीत में भ्रष्टाचार का विषय होने के कारण एसआईटी ने इसका संज्ञान लिया है।अब पहले इसकी सत्यता की जांच कराई जाएगी। सही पाने पर इसमें सामने आए तथ्यों की जांच की जाएगी।आडियो में शहीद सीओ एसपी ग्रामीण से बातचीत कर रहे हैं। इसमें वह चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी का जिक्र कर रहे हैं। वह यह आरोप भी लगा रहे हैं कि एसओ ने पूर्व कप्तान को पांच लाख रुपये दिए गए थे। इसके अलावा वह यह अंदेशा भी जता रहे हैं कि एसओ ने विकास दुबे को दबिश की जानकारी दे दी होगी। जांच की समय सीमा 30 अगस्त तक बढ़ाई गई शासन ने एसआईटी को 31 जुलाई तक अपनी जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था, लेकिन जांच में समय लगने के कारण यह समय सीमा 30 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।एसआईटी ने पिछले दिनों कानपुर,लखनऊ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से विकास दुबे के अलावा उसके परिवार, करीबी रिश्तेदारों और गैंग के सदस्यों को मिला कर कुल 57 लोगों के नाम खरीदे गए मकान, फ्लैट या भूखंडों के संबंध में जानकारी मांगी थी। यह जानकारी भी अभी तक नहीं मिल पाई है। एसआईटी को बिकरुकाण्ड मेंं लगातार नये-नये विंदु मिल रहे हैं। सब कुछ ठीक रहा तो इस मामले में कई प्रशासनिक अधिकारी व सफेदपोश कनेक्शन का खुलासा हो सकता है।