मीन कालचक्र की बारहवों राशि है। यह राशि जल तत्व, सतोगुण, द्विस्वभाव और गुरु ग्रह से प्रभावित होती है, राशि का प्रतीक चिह जल क्रीडा में रत दो मछलिया हैं, जो कृपा करुणा और मोक्ष की परिचायक होती है। मीन राशि करुणा और दया की प्रतीक है। यह मध्यम देह , स्त्री राशि , पिंगल वर्ण , ब्राह्मण जाति , जल तत्व द्विस्वभावा , सौम्य प्रकृति दिवा बली , सतोगुणी कफ प्रकृति सम संज्ञक , बहु प्रसव उभयोदयी, उत्तर दिशा की स्वामिनी है। शुक्र इस राशि के 27 अंश पर उच्च का रहता है। मीन राशि का स्वामी गुरु है। मीन राशि में उत्पन्न जातक बुद्धिमान गम्भीर एवं सौम्य प्रकृति परोपकारी कार्य करने में तत्पर, सत्यप्रिय , धार्मिक धर्म कर्म और फिलास्फी साहित्य और गूढ विद्याओं की ओर विशेष अभिरुचि रखेगा। उच्चाभिलाषी उच्चाकांक्षी एवं स्वाभिमानी प्रकृति , अपनी मान मर्यादा एवं प्रतिष्ठा का विशेष ध्यान रखेगा। सेवा भाव रखने वाला , तीव्र बुद्धि परिश्रमी , उद्यमी , दूरदर्शी , व्यवहार कुशल और नीति के अनुसार आचरण करने वाला विश्वसनीय , ईमानदार तथा हर प्रकार से मित्रों व सगे सम्बन्धियों के लिए सहायक होगा। परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढाल लेने की अपूर्व क्षमता होगी। दूसरों पर न तो अन्याय करेंगे और ना ही किसी भान्ति अन्याय को सहन करेंगे।
आपकी राशि का स्वामी गुरु है, जोकि आकाश तत्व प्रधान है और राशि जल तत्व प्रधान है। आपको मानसिक अस्थिरता उतावलेपन और अति भावुकता से बचना चाहिए। सोच समझकर , बिना सूक्ष्म विश्लेषण किए कोई निर्णय न लें। आपकी शंकालु प्रवृत्ति हानि का कारण बन जाती है। बेबात शंका न करें , आखों देखी बात पर ही विश्वास करें। आप रोमांटिक विपरीत लिंगी के प्रति भावुक और स्वतन्त्र स्वभाव के होते हैं। आपको प्रेम रहित जीवन अधूरा लगता है। प्रेम आपके लिए प्रसन्नता न होकर उत्तरदायित्व बन जाता है। प्रेम व विवाह के विषय में पूर्णत : व्यक्तिवादी है। आप प्रेम एव सैक्स के क्षेत्र में प्रायः भावुकता के शिकार हो जाते हैं। आपका कर्क राशि के प्रति मात्र शारीरिक आकर्षण रहता है। वृश्चिक राशि से सामान्य प्रेम संबंध बन पड़ता है। मेष , सिंह व धनु राशि वालों से सदैव प्रतिकूलता की स्थिति रहती है, वृष , मिथुन , कन्या , तुला , मकर एवं कुंभ राशि वालो के साथ प्रेम व वैवाहिक जीवन सदैव सुखमय व सफल बन पड़ता है ।
आप महत्त्वाकांक्षी उच्च स्तर के कार्य करने वाले, शुद्ध विचार शक्ति से युक्त एवं सत्यवादी होते हैं । आप प्रेरणास्पद व शिक्षा पूर्ण व्यवसायों का ही चयन करते हैं। आप समाज सुधारक , लेखक नेता प्रचारक उपदेशक पादरी पंडित कलाकार , रसानयज्ञ , कैमिकल एवं औषधि निर्माण व विक्रय योगी चिकित्सक प्रकाशक न्यायाधीश दूतावास , ज्योतिष अध्यापन संचार विभाग जल परिवहन विभाग , खचांची , एकाउन्टेण्ट स्टेनो , संवाददाता पत्रकार आदि कार्यों में विशेष सफल रहते हैं। मीन राशि वाले जातक कलाकार , चलचित्र व्यवसाय , खाने पीने की वस्तुओं से सम्बन्धित समाज सुधारक , अध्ययन सम्बन्धी कार्यों में सफल होते हैं। मीन जातकों में घर में शान्ति और आराम से बैठे रहने की प्रवृत्ति होती है। इससे उनमें आलसीपन आ सकता है। जल के प्रति उनका विशेष मोह होता है। इस राशि के जातक फेफड़े , बुखार पेट में गैस आदि बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं। स्त्री वर्ग – मीन जातिका का ब्राह्य रूप पूर्णत: एक नारी का रूप होता है। उसकी यही विशेषता पुरुषों को अपनी ओर आकर्षिक करती है। अन्दर से वह कठोर जीवन अपनाने में भी सक्षम हो सकती है। दीन दुखियों के प्रति विशेष उदारता रखती है। कला के प्रति उनका प्रेम उनके घर को संग्रहालय बना देता है। सामान्यतः आपका शरीर स्वस्थ रहता है । फिर भी पौष्टिकता पूर्ण औषधियों का सेवन करना सर्वोत्तम है । आपको अधिकतर रक्त विकार हृदय रोग उदर विकार, पांवों से पसीना निकलना , शीतरोग एवं मानसिक उतावली के कारण बेचैनी , कफ विकार , टाईफाईड हिस्टीरिया , संक्रामक रोग , चर्म रोग जुकाम , चर्या चढ़ना , नितम्ब एव पैर में पीड़ा मूच्छा , कर्ण रोग आदि होते हैं। आपको गरिष्ठ और अधिक भोजन से बचना चाहिए। भोजन सन्तुलित एव समय पर लें। स्वास्थ्य के लिए अधिक दिमागी श्रम और आहार की अनियमितता से बचना चाहिए। आपका स्वास्थ्य आहार एव दिमागी श्रम और आहार की अनियमितता से बचना चाहिए। आपका स्वास्था आहार एवं दिमागी श्रम सन्तुलन से ही अनुकूल रहेगा ।
मीन राशि के पुरुष
- आपकी सफलता का मूल मन्त्र आपकी बुद्धिमत्ता , आत्मविश्लेषण की प्रवृत्ति एवं कर्मठता है। आप दूसरों से मनोवैज्ञानिक व्यवहार करके उन्हें अपना बना लेते हैं।
- आपका कोई निश्चित स्वभाव नहीं होता अपितु समय के अनुसार अदलता बदलता रहता है।
- दूसरों के आश्वासन के बिना काम करने की आदत नहीं है।
- आप संकोची परिश्रमी व ईमानदार हैं।
- आपकी आर्थिक स्थिति धीरे – धीरे अनुकूल होती है।
- आप रिश्तेदारों से दूर रहने का प्रयास करते हैं।
- आपको गृहस्थ जीवन का पूर्ण सुख मिलता है।
- आप ईश्वर पर आस्था रखने वाले परोपकारी और प्रेरक होते हैं।
- आपका प्रयास जन कल्याण और मानव उपयोगी कार्यों को करने तक का होता है।
- आप स्वभाव से अन्तर्मुखी किन्त दूसरों की सेवा करने में पूर्ण तत्पर रहते हैं। आप रहस्यमयी विषयों में रुचि रखते हैं और आत्मिक शुद्धि के लिए थ सदैव तत्पर रहते हैं।
- आप दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और आपका लक्ष्य आत्मिक खोज व मोक्ष का रहता है।
- कुल मिलाकर आप आदर्शों पर चलने वाले और सद्गृहस्थी होते हैं।
- आपको राज्य से प्रतिष्ठा स्त्रियों द्वारा सम्मान और समाज द्वारा पूजे जाते हैं।
- आपके गुप्त शत्रु भी होते हैं। आपका लक्ष्य मानवता की सेवा और परमार्थ है।
- धर्म कर्म में रुचि रखते हैं और मानवीय संवेदनाओं के प्रति पूर्ण| सहानुभूति रखते हैं।
मीन राशि की स्त्री
- आप अपनी बुद्धिमत्ता, आत्म विश्लेषण की प्रवृत्ति एवं कर्मठता के बल पर सुख जीवन व्यतीत करती हैं भलाई के कार्य में पूर्ण तत्पर रहती हैं।
- श्रेष्ठ कामों के लिए जिद्द भी करती हैं।
- सीमा और मर्यादा के अन्दर अवसरानुकूल अपने विचार प्रकट करती हैं।
- संगीत प्रेमी , सदैव स्वतन्त्रता चाहने वाली और परमार्थ के लिए जीती हैं।
- पति की प्रिया समाज में प्रतिष्ठा पाने वाली व बन्धु बान्धवों की हितैषी होती हैं।
- आप कुशल गृहणी हैं और दूसरों से मनोवैज्ञानिक व्यवहार करना जानती हैं।
- आपमें अर्थ संचय की भावना प्रबल होती है।
- प्रेम के क्षेत्र में सरल एवं निष्कपट व्यवहार रखती हैं।
- आप आदर्श पत्नी माँ व श्रेष्ठ मित्र साबित होती हैं।
- प्रत्येक कार्य को निपुणता से करना आपका स्वभाव है।
- गुरु भक्त एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली होती हैं।
- प्रयास करें तो लेखन से यश और धन अर्जित कर सकती हैं।
- दूसरों की सेवा करने में तत्पर एवं धर्म में विश्वास रखती हैं।
ये करना शुभप्रद रहेगा
मीन राशि वालों के बृहस्पतिवार का व्रत और केसर का तिलक लगाना शुभप्रद रहेगा। सवा पांच रत्ती पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर तर्जनी अंगुली में शुक्लपक्ष के गुरुवार में सूर्योदय से प्रथम घटे के भीतर गुरु मन्त्र से अभिमन्त्रित करके धारण करना शुभफलप्रद है । सूर्य को जल अर्पण एवं गुरुवार का व्रत सदैव लाभप्रद है। गुरुवार को कांसा, चने की दाल , खांड , घी पीला कपड़ा पीले फूल , हल्दी , पुस्तक , केला पीली वस्तुओं का दान उत्तम फलप्रद है। पीला रूमाल सदैव पाकिट में रखें । ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः मन्त्र का 19,000 जाप करना मनोकांक्षा पूति में सहायक है। आपके लिए 1,,2,3,9 अंक शुभ , 4,7,8 अंक सामान्य और 5 व 6 अंक अशुभ फलदायी हैं। यदि आप इन अंको की शुभाशुभता को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे तो लाभ होगा।
शुभ नग- राशि वाले पुखराज रत्न 5,7 या 9 रत्ति का सोने की अंगूठी में जड़वाकर तर्जनी अंगुली में धारण करें। इस अंगूठी को सुवर्ण या ताम्र बर्तन में कच्चा दूध गंगाजल पीले पुष्पों में एवं ” ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ” के बीज मन्त्र द्वारा अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए। अभिमंत्रित करने में सावधानी बरतनी चाहिए।
शुभ वार — बृहस्पतिवार , मंगल , रवि सोम एवं शनिवार शुभ दिन रहेंगे।
शुभ रंग – बैंगनी व हल्का जामुनी रंग पीला , संगतरी लाल।
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