भाजपा सांसद के कूदने के बाद कोरोना इलाज के नाम पर मानव अंगों को निकालने का मामला गरमाया!

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना इलाज के दौरान राजधानी के निजी अस्पतालों पर मानव अंगों को निकालने का मामला गरमा गया है। इस संबंध में बीजेपी के सांसद कौशल किशोर ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। उन्होंने मामले में जांच करके एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

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पत्र में सांसद ने एक शिकायतकर्ता के हवाले से संदेह जताया गया है कि मृत मरीजों को कोरोना पॉजिटिव बताकर मानव अंगों की तस्करी की जा रही है। सांसद ने इंटीग्रल हॉस्पिटल और एरा मेडिकल कॉलेज पर ये गंभीर आरोप लगाए हैं।उन्होंने लिखा है कि संक्रमित बताकर मरीज के शरीर से अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का खेल चल रहा है। पत्र में सांसद ने लिखा है कि लखनऊ के चिनहट कोतवाली थाना क्षेत्र के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडेय ने उन्हें अवगत कराया है कि इंटीग्रल हॉस्पिटल, कुर्सी रोड, लखनऊ और एरा मेडिकल कॉलेज, हरदोई रोड, द्वारा इलाज के दौरान साजिशन उनके पुत्र आदर्श कमल पांडेय को जानबूझकर मार डाला गया है। उन्हें संदेह है कि इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को कोरोना पॉजिटिव मरीज घोषित कर उनका मृत शरीद परिवार को न देकर उसके अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का घृणित खेल खेला जा रहा है। सांसद ने पत्र में लिखा है कि वह चाहते हैं इस प्रकरण पर गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए जांच कराकर अभियोग पंजीकृत किया जाए। इससे पहले मृतक आदर्श पांडेय की बहन युक्ता पांडेय ने यह कहा था कि इलाज के दौरान उसके भाई की हत्या कर दी गयी। उसने इस संदर्भ में लखनऊ के डीएम, सीएमओ और उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग से संपर्क भी किया। लेकिन कहीं से ऐसी मदत नहीं मिली कि उसके भाई की जान बचाई जा सकती। युक्ता ने कहा था कि उसके भाई ने उससे वॉट्सअप चैट कर कहा था कि वह ठीक हो चुका है। मुझे यहां से निकाल लो, नहीं तो यह लोग मुझे मार डालेंगे। मेरी किडनी निकाल लेंगे।इसी संदर्भ ने आदर्श ने एक वीडियो भी जारी किया था। उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को मैसेज किया था। जिसमें उन्होंने लिखा है कि “मैंने मर्डर देखा है”। हम यहां से निकलना चाहते हैं। बहन यदि आप हमें यहां से नहीं निकालती हैं तो ये लोग हमें मार डालेंगे। उन्होंने कहा था कि उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है, फिर भी बांध दिया गया है। मेरे बगल के आदमी मर गया उसके पेट में कई टांके थे। उनको ऐरा हॉस्पिटल रेफर किया गया है। प्लीज मुझे यहां से निकाल दो”। मृतक की बहन का कहना है कि जब उसने इस संदर्भ में यूपी के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग को फोन किया कि मेरे भाई को बचा लो नहीं तो हम मर जायेंगे। तो उन्होंने कहा कि आप और आपके भाई मर जायेंगे तो क्या होगा? मर जाओ देश को फर्क नहीं पड़ता। समाचार लिखते समय इस संदर्भ में दोका सामना ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग का पक्ष जानना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। युक्ता पांडेय ने बताया कि विधायी एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने इस मामले में कार्यवाही के लिये लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट को पत्र लिखा तो हमें बताया गया कि मंत्री जी भूल से पत्र यहां के लिये लिख दिया है। यह पत्र जिलाधिकारी को भेजाना था। अभी तक मृतक का मोबाइल उसके बहन को नहीं दिया गया

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