बसपा के बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करायेंगे -मायावती,बागियों ने कहा हमने बसपा नहीं छोड़ी है

0
394

बागियों ने कहा हमने बसपा नहीं छोड़ी है

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर मचे हलचल के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने सात बागी विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया है। इन विधायकों पर पार्टी के राज्य सभा उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने का आरोप है। इस संबंध में विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने अपनी रिपोर्ट मायावती को सौंपी थी।

Advertisment
manoj shrivastav

जिन विधायकों के विरुद्ध पार्टी से बगावत कर समाजवादी पार्टी से संपर्क करने का आरोप लगा है उनमें असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर),और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) है।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम किसी दूसरे दल से नहीं मिले हैं। हम पर लगे सभी आरोप गलत हैं। मायावती ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुये कहा कि 1995 गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना गलती थी, चुनाव प्रचार के बजाय अखिलेश यादव मुकदमा वापस कराने में लगे थे।2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी। मायावती ने कहा कि सपा में परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ। सपा से गठबंधन का हमारा फैसला गलत था। मायावती ने बागी विधायकों ने बारे में कहा कि सभी सातो विधायक पार्टी से निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे। मायावती ने कहा कि सपा को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगा देगी। विधायकों को बीजेपी समेत किसी भी विराेधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट क्यों ना देना पड़ जाये। उधर बसपा से निलंबन के बाद बागी विधायक अपने एक सहयोगी सुषमा पटेल के यहां चाय पर जुटे। बागियों में से एक असलम राइनी ने कहा कि हम पार्टी नहीं छोड़े हैं। जनता में हम बसपा के झंडे के साथ जायेंगे। विधायक असलम चौधरी ने कहा कि पूरे कार्यकाल तक तो हम बसपा में ही रहेंगे। हालांकि उनकी पत्नी व हापुड़ में नगरपालिका की अध्यक्ष में तीन दिन पहले ही समाजवादी की सदस्यता ग्रहण कर लिया है। पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि ये सातो विधायक अपनी तरफ से तरीके से बसपा में ही रहेंगे। ऐसा करके यह दल-बदल कानून से बचने की हर फितरत करने की कोशिश कर रहे हैं।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here