………विजय तो श्रेष्ठता की ही होती है

0
400

परंतु अंत यह नहीं होता

आज बदलते सामाजिक परिवेश की जटिलता में श्रेष्ठ व्यक्ति बहुत पीछे रह जाते हैं, जो तुच्छ प्रवृत्ति के लोग स्वार्थवश बहुत आगे निकल जाते हैं। परंतु अंत यह नहीं होता, विजय तो श्रेष्ठता की ही होती है।

प्रस्तुति- डॉ मीना शर्मा। 

Advertisment

 

सनातन ज्ञान

प्र.1-  वेद किसे कहते है ?
उत्तर-  ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।
प्र.2-  वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर-  ईश्वर ने दिया।
प्र.3-  ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर-  ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।
प्र.4-  ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए।
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here