रुद्रपुर – प्रोटीन, मिनरल्स और एंटीआक्सीडेंट से भरपूर मशरूम हड्डियों व पांसपेशियों की मजबूती के साथ अब खून की कमी भी दूर करेगा। इससे एनीमिया मुक्त भारत का सपना साकार होगा। यह उम्मीद जगी है आयरन नैनो विधि से तैयार मशरूम से। इसमें सामान्य की अपेक्षा आयरन की मात्रा 50 प्रतिशत अधिक होगी। सेहत के साथ ही यह विधि मशरूम उत्पादकों के लिए भी वरदान साबित होगी। इससे एक सीजन में ही तीन बार फसल ली जा सकती है और वह भी कम दिनों में। इस विधि को ईजाद किया है हरित क्रांति के सूत्रधार गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने। यहां के मशरूम ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर ने आयरन नैनो मशरूम उत्पादन विधि के पेटेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रिसर्च सेंटर के संयुक्त निदेशक डा. केपीएस कुशवाहा बताते हैं कि मशरूम पर 15 दिन बाद लिक्विड आयरन को विशेष तरल में मिलाकर लगातार दस दिनों तक छिड़काव किया। 11वें दिन परीक्षण में पता चला कि मशरूम में आयरन की मात्रा 50 प्रतिशत तक बढ़ गई। सामान्य 100 ग्राम मशरूम में आयरन मात्र .5 मिलीग्राम पाया जाता है, वहीं नई विधि से उत्पादित मशरूम में यह बढ़कर .25 मिलीग्राम तक पहुंच गया।
कम समय में भरपूर उत्पादन
आयरन नैनो विधि से 35 से 37 दिन में ही मशरूम तैयार हो जाता है। हालांकि सामान्य मशरूम को तैयार होने में 45 से 50 दिन लग जाते हैं।
रहेगा तरोताजा
मशरूम यूं तो सफेद रंग में होता है। दूसरे दिन यह रंग भूरा होने लगता है। आयरन नैनो विधि से उत्पादित मशरूम तीन से चार दिन तक सफेद ही रहेगा। इसके रंग में कोई परिवर्तन नहीं आएगा।
फायदे ही फायदे
- मशरूम में विटामिन बी, डी, पोटैशियम, कापर और सेलेनियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- मशरूम में भरपूर एंटीआक्सीडेंट, जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने और वजन घटाने में मददगार।