मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। लखनऊ व फिरोजाबाद में जहरीली शराब से हुई 9 मौतों के बाद आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निद्रा टूट ही गयी। लखनऊ में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की जान चली गयी। राजधानी में हुई इतनी बड़ी वारदात के बाद मुख्यमंत्री ने मंगलवार को देर रात अपने आला अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।अधिकारियों के हरकत में आने के बाद लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पाण्डेय को हटा दिया गया है।
साथ ही लखनऊ व फिरोजाबाद के जिला आबकारी अधिकारी हटा दिए गये। इन दोनों जिलों के आबकारी निरीक्षकों को भी निलंबित कर दिया गया है। बताया जाता है कि लखनऊ में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत के मामले में पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय को हटा दिया गया है।
उनके स्थान पर डीके ठाकुर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं। सुजीत पाण्डेय को एडीजी पीटीसी सीतापुर के पद पर तैनात किया गया है। जी के गोस्वामी को एटीएस का आईजी बनाया गया है। वह हाल ही में सीबीआई से लौटे हैं। वहीं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे राजकुमार को अपर पुलिस महानिदेशक कार्मिक बनाया गया है। योगी सरकार ने लखनऊ व फिरोजाबाद के जिला आबकारी अधिकारियों को निलम्बित कर दिया है। लखनऊ के आबकारी निरीक्षक आलोक पाण्डेय तो फिरोजाबाद के आबकारी निरीक्षक आरके सिंह को निलंबित किया गया है। मंगलवार देर रात हुए इस फैसले के अनुसार फिरोजाबाद के जिला आबकारी अधिकारी राम स्वार्थ चौधरी और लखनऊ के जिला आबकारी अधिकारी सुदर्शन सिंह को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उन्हें प्रयागराज में मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
बता दें कि बीती 13 नवम्बर को लखनऊ के बंथरा इलाके में एक कोटेदार द्धारा बेची जा रही मिलावटी शराब पीने से छह लोगों की मौत हुई और कई बीमार हुए। इसी तरह फिरोजाबाद जिले में भी जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हुई थी। यह सभी निलम्बन के आदेश आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की ओर से जारी किए गए हैं। संजय भूसरेड्डी की मानें तो उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की है। इस संदर्भ में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि एक साथ दो जिलों के 9 लोगों की जान लेकर सरकार की नींद टूटी है। भाजपा सरकार ने साढ़े तीन वर्ष में जहरीली शराब से हुई मौतों का कृतिमान स्थापित कर लिया है। शराब माफिया समानांतर शराब आपूर्ति संचालित कर रहे हैं। जब लोगों गरीबों की जान जाती है तो जनता का ध्यान बांटने के लिये कार्रवाई का दिखावा करते हैं। बता दें कि योगी सरकार ने लखनऊ पुलिस आयुक्त की कुर्सी पर जिसे बिठाया है वह डीके ठाकुर मायावती की सरकार में लखनऊ के एसएसपी होते हुये बहुत चर्चित हुये थे। समाजवादी पार्टी द्वारा किये गये आंदोलन में सपा कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगा था। मीडिया में इनका एक फोटो वायरल हुआ था जिसमें यह आंदोलन में शामिल कार्यकर्ता के शिर पर जूट रगड़ते दिखाये गये थे। बताया जाता है कि उसी कारण से अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में डीके ठाकुर को साइड लाइन रखा था।