अयोध्या में राम मंदिर निर्माण: 15 जनवरी से हाेगा शुरू

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अयोध्या।राम मंदिर का जो पहले का मॉडल था, वही यथावत रहेगा। भव्यता और दिव्यता को लेकर थोड़ा उसमें विस्तार जरूर किया गया। देश में संतों और राम भक्तों की आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है। इस बदलाव में मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी जो कि पहले धरातल से 128 फीट थी अब वह 161 फीट की होगी। इसी तरह मंदिर के उत्तर-दक्षिण हिस्से का भी विस्तार किया जाएगा। इसके कारण गुम्बदों (मंडप) की संख्या तीन से बढ़कर पांच हो जाएगी।
पहले जो ड्राफ्टिंग थी उसमें मंदिर निर्माण का एरिया 27 हजार स्क्वॉयर फीट बनता था। अब यह बढ़कर 57 हजार 242 स्क्वायर फीट हो जायेगा। इसी प्रकार मंदिर निर्माण में पहले 2 लाख 43 हजार घन फीट पत्थर की जगह 3 लाख 75 हजार घन फीट पत्थर लगेगा। मंदिर की भव्यता और दिव्यता में कोई कमी न हो इसके लिए पहले के मॉडल को स्वीकृत करते हुए क्षेत्र का विस्तार किया गया है। मर्यादा पुरूषोत्तम की नगरी अयोध्या में बहुप्रतीक्षित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 15 जनवरी से शुरू होने के आसार हैं।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोवि‍ंददेव गिरि ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि मंदिर का निर्माण अगले एक महीने में शुरू होने की संभावना है। मंदिर के नींव की ड्राइंग की अंतिम रिपोर्ट तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 15 दिसंबर तक मिल जायेगी जिसके एक महीने बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा।
उन्होने कहा कि ट्रस्ट का प्रयास है कि रामजन्मभूमि परिसर कल्चरल कैपिटल ऑफ दी वल्र्ड के रूप में विकसित किया जाये। इससे पहले राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर गंभीर मंथन किया गया। बैठक में निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोवि‍ंददेव गिरि, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, राम मंदिर के मुख्य शिल्पी सीके सोमपुरा के पुत्र आशीष सोमपुरा सहित एल एंड टी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के प्रतिनिधि तथा भवन निर्माण के क्षेत्र से जुड़े कई दिग्गज विशेषज्ञ मौजूद रहे।

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