मनमोहन सरकार के दौरान भी श्री गांधी ने मंत्रिमंडल से मंजूर अध्यादेश की प्रति को सार्वजनिक तौर पर पत्रकार वार्ता में फाड़ दिया था
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सासंद राहुल गांधी और कुछ अन्य सदस्यों ने बुधवार को रक्षा मामले की संसदीय समति की बैठक का बहिर्गमन करते हुए आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों की बजाए सशस्त्र बलों की वर्दी पर चर्चा करके समय बर्बाद किया जा रहा है। श्री गांधी बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और लद्दाख में तैनात सुरक्षा बलों को मज़बूत बनाने से संबंधित मसले उठाना चाहते थे। |
नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मन में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कोई आदर नहीं है और यही वजह है कि उन्होंने बुधवार को रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन किया।
श्री जावडेकर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को इस बात का ज्ञान नहीं है कि समिति के सामने साल भर में कौन से विषय रखे जाएंगें, जबकि ये विषय बैठकों में चर्चा के बाद ही तय होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में समिति की 14 बैठकें हुईं जिसमें सिर्फ दो बैठकों में वह उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि ‘जब विषय सुझाने का अवसर था तब श्री गांधी और उनके साथियों ने कुछ नहीं कहा और अब भाजपा पर यह कहकर दोष मढ़ रहे हैं कि बैठक में महत्वपूर्ण विषय नहीं उठाए जा रहे हैं। स्थायी समिति की बैठक विरोध जताने या जनता के लिए भाषण देने का स्थान नहीं है। ‘
श्री जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की सरकार के दौरान भी श्री गांधी ने मंत्रिमंडल से मंजूर अध्यादेश की प्रति को सार्वजनिक तौर पर पत्रकार वार्ता में फाड़ दिया था जिससे साबित होता है कि संविधान के प्रति उनकी कोई आस्था नहीं है। उन्होने स्थायी समिति की बैठक का बहिर्गमन करके एक बार फिर संवैधानिक व्यवस्थाओं का अपमान किया है।