वैदिक काल के भारत में परंपरा रही है कि देव पूजन करके ही दिन की शुरुआत की जाती है।
प्रातः कालीन पूजन में घी का दीपक और कपूर जलाकर देव पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी देवताओं की आरती करने से वे प्रसन्न होते हैं और साधक की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
कपूर जलाने से पित्रदोष व देवदोष का शमन होता है,इसलिए पूजन में कपूर को विशेष महत्व दिया जाता है। विशेष तौर पर देवी पूजन में कपूर को विशेष महत्ता प्रदान की गई। देवता भी कपूर आरती करने पर भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
ब्राह्मण ही क्यों है दान लेने का अधिकारी
नेताजी की कई गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया,एक उच्च स्तरीय समिति का गठन
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