वैट की बकाया धनराशि की वसूली के लिए पुनः ओटीएस स्कीम लागू

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लखनऊ: 24 दिसम्बर, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। यह देश का सर्वाधिक उपभोक्ता वाला प्रदेश है। इसलिए जी0एस0टी0 की व्यवस्था के अनुसार यहां जी0एस0टी0 संग्रह भी सर्वाधिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रभावी प्रयास करते हुए जी0एस0टी0 राजस्व संग्रह में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व चोरी में संलग्न तत्वों के विरुद्ध सख्त एवं प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में वाणिज्य कर विभाग के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर श्री आलोक सिन्हा ने एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पंजीकृत व्यापारियों, रिटर्न फाइल की प्रगति, राजस्व प्राप्ति, जी0एस0टी0 संग्रह, रिटर्न नाॅन फाइलर्स, प्रवर्तन कार्यवाहियों आदि के सम्बन्ध में अवगत कराया। समीक्षा बैठक में वाणिज्य कर विभाग के सभी जोनों के अपर आयुक्त भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में सभी स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। अधिकारियों के कार्याें का आकलन उनके परफाॅर्मेंस के आधार पर किया जाए। योग्य अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह के कार्य में तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाए। तकनीक का इस्तेमाल राजस्व की वसूली के साथ इसकी चोरी रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जी0एस0टी0 संग्रह के लिए सर्वाधिक आवश्यक है कि सभी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कम से कम 25 लाख व्यापारियों का जी0एस0टी0 रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। व्यापारियों को जी0एस0टी0 रजिस्ट्रेशन हेतु प्रेरित करने के लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन के लाभ के सम्बन्ध में अवगत कराया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में जी0एस0टी0 के तहत रजिस्टर्ड व्यापारी के लिए 10 लाख रुपये के बीमे की व्यवस्था है। इसके लिए कोई धनराशि नहीं देनी पड़ती। जी0एस0टी0 में रजिस्ट्रेशन होने से भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। व्यापारियों को इस सम्बन्ध में जागरूक करते हुए अधिक से अधिक व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाए। व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन का कार्य व्यापारी कल्याण बोर्ड के समन्वय व सहयोग से किया जाना चाहिए। व्यापारियों को रिटर्न फाइल करने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने जनपद प्रयागराज, अयोध्या, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ आदि जोनों में कार्यरत अपर वाणिज्य कर आयुक्तों से रिटर्न फाइलिंग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उपभोक्ता द्वारा दिया गया राजस्व देश व प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए राजस्व संग्रह में वृद्धि के लिए प्रभावी प्रयास किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वैट की बकाया धनराशि की वसूली के लिए पुनः ओ0टी0एस0 स्कीम लागू की जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, आयुक्त वाणिज्य कर श्रीमती अमृता सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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