प्रशासन ने जमींदोज किया सपा एमएलसी का बालिका विद्यालय

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में दोहरे हत्या काण्ड में जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) कमलेश पाठक के सरकारी भूमि पर बने बालिका इंटर कालेज को आज पुलिस एवं प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एमएलएसी पाठक पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूमि पर कब्जा कर जनक दुलारी बालिका इण्टर कॉलेज बना रखा है। इस संबंध में तहसीलदार न्यायालय में क्षेत्रीय लेखपाल की आख्या पर अवैध कब्जे की रिपोर्ट दो नवम्बर 2020 को दर्ज कर नियमानुसार अतिक्रमणकर्ता कमलेश पाठक को नोटिस आरसी प्रपत्र 20 जारी किया गया था। लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कमलेश पाठक ने शहर के गाटा सं0 2912, 2937 व 291 ख जो अभिलेखों में नवीनपरती व बंजर दर्ज है, पर पक्का निर्माण व कालेज बनाकर तीन वर्ष से अवैध कब्जा किये हुए है। अतिक्रमणकर्ता की ओर से 14 दिसम्बर 2020 को आपत्ति प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें आपत्ति करने के लिए एक माह का अवसर चाहा गया लेकिन एक माह का अवसर बीत जाने पर भी आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई।

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प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अतिक्रमणकर्ता की वाद की पैरवी में कोई रूचि नहीं है। अतः आपत्ति का अवसर समाप्त किया जाता है। कमलेश पाठक द्वारा किये गये अवैध कब्जे से बेदखल किया जाता है तथा रूपया 3,75,000.00 (तीन लाख पच्छत्तर हजार रूपया) क्षतिपूर्ति तथा रूपया 10.00 निष्पादन व्यय आरोपित किया जाता है। क्षतिपूर्ति वसूली के लिए कमलेश पाठक के विरुद्ध नोटिस जारी किया गया था। इसके क्रम में आज सुबह अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान, उपजिलाधिकारी सदर रमेश यादव, तहसीलदार राजकुमार चौधरी, पुलिस क्षेत्राधिकारी सुरेन्द्र नाथ, नायब तहसीलदार पवन कुमार व कोतवाल संजय कुमार पाण्डेय समेत बड़ी संख्या पुलिस फोर्स के साथ सरकारी भूमि पर बने विद्यालय भवन को बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया।


इस बीच एमएलसी कमलेश पाठक के पुत्र तिलकराज पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 1994 में उनकी दादी जनकदुलारी के नाम से बने इस विद्यालय को राजनीतिक विद्वेष से ध्वस्त किया गया है। इस विद्यालय का शिलान्यास श्रंगेरीपीठ के शंकराचार्य और उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा किया था। प्रशासन ने स्कूल ध्वस्त करने का दिन रविवार इसलिए चुना क्योंकि आज न्यायालय व विद्यालय दोनों बंद हैं। उन्होंने कहा कि मुझे किसी तरह का कोई नोटिस या पूर्व सूचना नहीं दी गयी।

डा0 पाठक ने कहा कि के खिलाफ न्यायालय जायेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार न्यायालय में जो वाद चला रहे थे, उसको कल (03 अप्रैल) को खारिज कर 25 फरवरी में अपलोड कर खारिज दिखा दिया इससे ज्यादा मिथ्या या गलत और क्या हो सकता है।

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