प्रकृति ने हमे उपजाया है, वह ही हमारी समस्याओं का समाधान कर सकती है। प्रकृति का अंग हैं वनस्पति, जो हमारे लिए उपयोगी साबित हो सकती है। आइये जानते हैं, कुछ वनस्पति से जुड़े टोटके-
1- भरणी नक्षत्र में संखाहोली की जड़ लाकर चांदी या सोने के ताबीज में लगवाकर पहनने से परस्त्री वशीभूत होती है।
2- स्वाती नक्षत्र में मोगरा की जड़ लेकर भ्ौंस के दूध में घिसकर पीने से रंग में निखार आता है और गोरापन बढ़ता है।
3- मघा नक्षत्र को पीपल की जड़ लेकर अपने पास रखने पर रात को दु: स्वप्न नहीं आते हैं।
4- श्वेत पुनर्नवा की जड़ को दूध के साथ घिसकर पिलाने से स्त्री को गर्भ ठहरता है।
5- श्वेत रोंगणी मूल पुष्य नक्षत्र में लेकर एक वर्ण की गाय के दूध में पिए तो बन्ध्या भी पुत्रवती होती है।
6- श्रवण नक्षत्र में आंवली की जड़ नागर बेल के रस में पिए तो स्त्री नवनौवना होती है।
7- अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ को लेकर सिर पर रखे तो शत्रु भी मित्र बन जाते हैं।
8- हस्त नक्षत्र में चम्पा की जड़ को लाकर गले में पहनने से भूत-प्रेत नहीं लगता है।
9- पूर्वा फल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ लाकर दूध में घिसकर पिलाने से बांझ स्त्री को संतान प्राप्ति होती है।
1०- पुनर्वसु नक्षत्र में मेंहदी की जड़ लाकर पास पर रखने पर शरीर से अच्छी सुगंध आती है।
11- अश्विनी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि में नग्न होरक अपामार्ग की जड़ को लाए। फिर उसे गले में ताबीज के अंदर धारण करने पर राज्य अधिकारी और उच्चाधिकारी अनुकूल होते हैं।
12- श्वेतसरपंखा की जड़ को नाभि पर लेप करने से वीर्य स्तम्भव होता है।
13- मयूरशिखा की जड़ को तीन दिन दूध के साथ पीने से स्त्री पुत्रवती होती है।
14- मातुलिंग यानी बिजौरा के बीज दूध के साथ खीर बनाकर घी के साथ पीने पर स्त्री को निश्चित ही गर्भधारण होता है।
15- लक्ष्मणा तीन भाग, उभयलिंगी चार भाग, बिहाली छह भाग सब मिलाकर गाय के दूध में पीसकर ऋतुकाल में स्त्री को पिलाने से पुत्र उत्पन्न होता है।
16- ज्येष्ठा नक्षत्र में जामुन की जड़ लाकर पास रखने पर राज्य सम्मान मिलता है।
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