विधि एवं न्यायमंत्री के पत्र से खलबली मची
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।कोरोना वायरस संक्रमण के बेहद खतरनाक रूप लेने के बाद भी लखनऊ जिला प्रशासन के अफसरों की सुस्ती से योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने यूपी सरकार के दावों की पोल खोल दिया हैं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ को पत्र लिखकर कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयास के बाद भी हम लोगों को इलाज नहीं दे पा रहे हैं। उनके पत्र के वायरल होने के बाद जहां उन्हें जनता का अपार समर्थन मिल रहा है, इस पत्र से सरकार में बैठे मुखिया असहज हो गये हैं और भाजपा नेता दो धड़े में बंट गये हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार में न्याय, विधायी एवं ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा मंत्री ब्रजेश पाठक लखनऊ की लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनका स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को लिखा गया अति गोपनीय पत्र वॉयरल हो गया है। लखनऊ की चिंताजनक हालत पर लिखे गए पत्र में उन्होंने लखनऊ में कोविड की बदइंतजामी और बदहाली को लेकर हकीकत से रूबरू करवाया। अपने पत्र में मंत्री ने सवाल उठाने के साथ-साथ यह भी कहा है कि लखनऊ में हालत चिंताजनक है। व्यवस्थाओं की पोल खोलते हुये पाठक ने लिखा है कि यहां कोरोना की जांच रिपोर्ट में 4 से 7 दिन लग रहे हैं। 5 से 6 घंटे में एम्बुलेंस पहुंच रही है।
सीएमओ ऑफिस से भर्ती स्लिप मिलने में दो-दो दिन लग रहे। कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या कम है।
निजी पैथॉलजी में कोविड जांच बंद करवा दी गईं।
स्वास्थ्य विभाग के एक उच्य अधिकारी ने उन्हें अवगत कराया कि प्रतिदिन 17 हजार जांच किट चाहिए लेकिन 10 हजार ही मिल पा रहीं। गंभीर रोगों से ग्रसित नॉन कोविड पेंशट को इलाज नहीं मिल रहा।
मंत्री ने चिट्ठी में इतिहासविद योगेश प्रवीन को भी एंबुलेंस न मिलने का जिक्र करते हुए लिखा है कि उन्होंने खुद सीएमओ से बात कर ऐंबुलेंस मुहैया करवाने का अनुरोध किया, लेकिन घंटों तक उन्हेंं एंबुलेंस नहीं मिली। समय से चिकित्सा सुविधा न मिल पाने के कारण उनका निधन हो गया। मंत्री ने चिट्ठी में लिखा है कि पिछले एक सप्ताह से जिलों से सैकड़ों फोन आ रहे हैं, जिनको हम ठीक से इलाज नहीं दे पा रहे। हम सब पद्म्मश्री इतिहासकार योगेश प्रवीन की मौत के जिम्मेदार हैं। उन्होंने लखनऊ में कोविड बेड बढ़ाने, पर्याप्त जांच किट और प्राइवेट लैब में कोविड जांच शुरू कराने को कहा है।
चंद दिनों पूर्व रक्षामंत्री राजनाथसिंह के स्थानीय प्रतिनिधि पूर्व आईएएस दिवाकर त्रिपाठी ने भी इसी प्रकार का पत्र जारी कर कहा था कि लखनऊ में बढ़ते कोविड के प्रकोप और चिक्तिसीय व्यवस्था पर स्थानीय सांसद व रक्षामंत्री ने चिंता व्यक्त किया है। आज विधि एवं न्याय मंत्री के पत्र के विस्फोट को उसी कड़ी में देखा जा सकता है।