दोमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अद्धनारीश्वर प्रसन्न होते हैं। दो मुखी रुद्राक्ष को शिव व शक्ति का स्वरूप होता है, इसलिए इसे शिव भक्त या शक्ति भक्त जो भी पहनना चाहे, लाल धागे में पिरोकर सोमवार के दिन प्रात: स्नानादि कर शिवलिंग या मां भगवती के चरणों में स्पर्श कर दाहिने हाथ में ऊॅँ अर्ध्यनेश्वर देवाय नम:….. या निम्न लिखित मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जप कर अभिमंत्रित करते हुए बांधना चाहिए। इसे मन भक्ति में लगता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
पद्य पुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष को ऐसे अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठित करना चाहिए-
मंत्र है- ऊॅँ ऊॅँ नम:
स्कंद पुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष को ऐसे अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठित करना चाहिए-
मंत्र है- ऊॅँ श्रीं नम:
महाशिव पुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष को ऐसे अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठित करना चाहिए।
मंत्र है- ओं नम:
योगसार नामक गं्रथ के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष को ऐसे अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठित करना चाहिए।
मंत्र है- ऊॅँ ऊॅँ नम:
रुद्राक्ष धारण करने का अन्य पावन मंत्र
दोमुखी रुद्राक्ष- ऊॅँ क्ष्रीं ह्रीं क्ष्रौं व्रीं ऊॅँ
विधि- सर्व प्रथम रुद्राक्ष को पंचामृत, पंचगव्य आदि से स्नान आदि कराकर पुष्प गंध, दीप से पूजा करकर अभिमंत्रित करना चाहिये।