दादा जी के आयुर्वेदिक नुस्खे: आयुर्वेद चिकित्सा के अचूक उपाय
1- टीवी रोग का उपाय
शुद्ध जल, धूप और शुद्ध हवाा का सेवन कीजिये। गाय या बकरी का दूध हितकर है। प्रात: काल हवा में भ्रमण कीजिये।
औषधि व उपाय: मकड़ी का जाला जो बहुत पुराना मालूम पड़े, उसे हाथ में लेकर मसल दीजिये और शहद मिलाकर 41 दिन तक सेवन कीजिये। 3 रत्ती सुबह और तीन रत्ती शाम। यह अत्यन्त लाभकारी है।
2- अंडकोष की वृद्धि का उपाय
तम्बाकू के एक बड़े पत्ते को आग पर गरम कर लीजिये और अंडकोष पर बांध लीजिये। यदि उल्टी होगी तो घबराईयेगा नहीं।
3- मस्सों की दवा
मस्सों को छीलकर या काटकर उसमें सिंदूर भर देना चाहिए। हालांकि यह प्रयोग किसी आयुर्वेदाचार्य से परामर्श के बाद ही प्रयोग करना चाहिए। यह श्रेयस्कर होगा। बिना आयुर्वेदाचार्य के परामर्श के इसका प्रयोग नहीं करें। यह उचित होगा ।
4- पसली का दर्द का उपचार
तारपीन का तेल लगाना चाहिए।
5- पथरी की दवा
जवाखार व मिश्री बराबर- बराबरा मिलाकर पानी के साथ प्रतिदिन सुबह- शाम सेवन करें। लाभ होगा।
6- अफीम के विष की दवा
चार माश्ो हींग पानी के साथ पलिायें।
7- कण्ठ माला की दवा
1- पीपल गुदा गुलाब जल के साथ लगाएं।
2- अपामार्ग यानी चिरचिरा की जड़ गले में में बांध लें।
3- बड़ यानी बरगद का दूध लगायें।
8- अशुद्ध रक्त की दवा
1- देसी घी एक तोला में काली मिर्ची भूनकर खाएं।
9- खून खराबी की दवा
1- त्रिफला गोमूत्र के साथ पिये।
2- तुलसी के बीज पान के साथ सुबह शाम खायें।
सलाह – किसी वैद्य से परामर्श कर इन ओषधियो का प्रयोग करे।
प्रस्तुति
स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर
सेवानिवृत्त तहसीलदार/ विशेष मजिस्ट्रेट, हरदोई
नोट:स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर के पिता स्वर्गीय पंडित भीमसेन नागर हाफिजाबाद जिला गुजरावाला पाकिस्तान में प्रख्यात वैद्य थे।
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