बहुत समझाने पर 1500 सौ की जनसंख्या में 14 ने लगवाया वैक्सीन
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रम और खौफ किस कदर ग्रामीणों के मन में घर कर चुका है, इसकी एक बानगी राजधानी से सटे बाराबंकी जिले में देखने को मिला।जिले के सिसौड़ा गांव में वैक्सीन लगाने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को देख कर ग्रामीण लोग डर गये।
उन्हें वैक्सीन न लगवानी पड़े इस वजह से गांव वालों ने सरयू नदी में छलांग लगा दी। यह नजारा देख कर स्वास्थ्य विभाग की टीम के हाथपांव फूल गये। टीम के सदस्य ग्रामीणों से बाहर आने का अनुरोध करने लगे, लेकिन ग्रामीण नहींं माने। उपजिलाधिकारी के समझाने के बाद ग्रामीण नदी से बाहर आये और वैक्सीन लगवाई।उपजिलाधिकारी के मैराथन प्रयास के बाद 1500 की आबादी वाले इस गांव में मात्र 14 लोग ही वैक्सीन लगवाने की हिम्मत जुटा सके। यह गांव राजधानी से
लगभग 50 किलोमीटर दूर है। जब राजधानी के निकट के ग्रामीण क्षेत्रों का यह हाल है तो पूर्वांचल और बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों का क्या हाल होगा?
इस संदर्भ में उपजिलाधिकारी रामनगर राजीव शुक्ल ने दोका सामना को बताया कि बाराबंकी जनपद की तहसील रामनगर के तराई के एक गांव सिसौड़ा में ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में टीकाकरण कराने की सूचना मात्र से ही ग्रामीण डर गए और वह गांव के बाहर बह रही सरयू नदी के किनारे आकर बैठ गये। स्वास्थ्य विभाग की टीम को जब यह सूचना मिली कि ग्रामीण नदी की तरफ है तो वे उन्हें समझाने चल दिये। अपनी तरफ टीम को आता देख कर ग्रामीण इतने भयभीत हो गए कि उन्हें भागने का रास्ता नहीं सूझा और वे टीम से बचने के लिए सरयू नदी में कूद पड़े। छलांग लगाते समय ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की। ग्रामीणों को नदी में छलांग मारता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम के हाथ पैर फूल गए और ग्रामीणों से बाहर आने का अनुरोध करने लगे। मगर ग्रामीण बाहर निकलने को तैयार नहीं थे।उन्होंने बताया कि बहुत समझाने के बाद ग्रामीण नदी से बाहर आये। ग्रामीणों के अन्दर व्याप्त डर और भ्रांतियों को दूर कर उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए राजी किया, तब जाकर एक के बाद एक कुल 14 लोगों ने वैक्सीन लगवाई।