मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एंटीफंगल इंजेक्शन की कालाबाजारी में गिरफ्तार युवक भाजपा नेता निकला। यशोदा नगर निवासी प्रकाश मिश्रा गिरफ्तार होते ही पुलिसवालों पर सत्ता का रौब झाड़ने लगा। लेकिन रंगे हाथों पकड़े जाने पर पुलिस ने उसकी एक न सुनी। पुलिस ने शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद प्रकाश और उसके साथी ज्ञानेश को जेल भेज दिया। प्रकाश के पास से जो कार मिली है उस पर हाईकोर्ट लिखा हुआ है। पुलिस ने गाड़ी भी सीज कर दी है। गिरफ्तार होने के बाद भाजपा नेताओं के ताबड़तोड़ फोन आना शुरू हुए, लेकिन हकीकत मालूम पड़ने पर सभी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए।
कैबिनेट मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई दिग्गज नेताओं के साथ फोटो
ग्वालटोली थाना प्रभारी कौशल किशोर दीक्षित ने बताया कि आरोपी की जांच की गई तो सामने आया कि प्रकाश मिश्रा भारतीय जनता युवा मोर्चा में कार्यसमिति सदस्य रह चुका है। इसके साथ ही शहर के एक मंत्री के साथ उसका उठना-बैठना है। मंत्री की मदद से कानपुर से लेकर लखनऊ तक के नेताओं में अच्छी पैठ बना रखी है। उसकी फेसबुक प्रोफाइल की जांच से भी इस बात की पुष्टि हुई है।
प्रयागराज, वाराणसी समेत कई जिलों तक सक्रिय है रैकेट
पुलिस ने बताया कि जांच में सामने आया कि इसके नकली इंजेक्शन को लगानेे से वाराणसी में एक मरीज की मौत हो चुकी है। शिकायतकर्ता ने भी इसी भाजपा नेता से ब्लैक में इंजेक्शन खरीदे थे। डॉक्टर ने जांच के दौरान इंजेक्शन नकली बताया तो उन्होंने इसकी शिकायत ग्वालटोली थाने में की थी। पुलिस ने भाजपा नेता प्रकाश मिश्रा व उसके एक साथी रतनदीप अपार्टमेंट निवासी ज्ञानेश को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि नकली इंजेक्शन का रैकेट सिर्फ कानपुर ही नहीं, प्रयागराज, वाराणसी से लेकर यूपी के कई जिलों तक फैला था। प्रयागराज के एक मेडिकल स्टोर से भाजपा नेता को इंजेक्शन मिल रहे थे।
कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने दोका सामना को बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इंजेक्शन नकली हैं। इसकी पुष्टि के लिए ड्रग विभाग ने नमूने लिए हैं। पूरे गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस मामले में भी आरोपियों पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि इस कृत्य से तमाम लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी।