आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाया है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘एक अजीबोगरीब बात और है, जो जमीन रवि मोहन तिवारी ने हरीश पाठक जी से खरीदी उसका स्टांप तो 5 बजकर 22 मिनट पर खरीदा गया, लेकिन जो एग्रीमेंट साढे़ 18 करोड़ रुपये का हुआ, उसका स्टांप 5 बजकर 11मिनट पर ही खरीद लिया गया। यानी ट्रस्ट ने पहले से ही स्टांप खरीद लिया।’ दोनों लेन-देन 5 मिनट के भीतर किए गए थे।
- समस्त रामभक्तों से निवेदन है कि वे किसी भी दुष्प्रचार में विश्वास ना करें, ताकि श्री रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र निर्विघ्न रूप से पूरा हो।————————विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बंसल
- आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं की, इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें।————विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बंसल
- इस निमित्त मन्दिर के पूर्व व पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा व रिटेनिंग वाल की सीमा में आने वाले महत्वपूर्ण मन्दिरों/स्थानों को परस्पर सहमति से क्रय किया जा रहा है। न्यास का निर्णय है कि इस प्रक्रिया मे विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान/व्यक्ति को पुनर्वासित किया जायेगा।
- पुनर्वास हेतु भूमि का चयन सम्बन्धित संस्थानों/व्यक्तियों की सहमति से किया जा रहा है। बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत महत्वपूर्ण मन्दिरों जैसे कौशल्या सदन आदि की सहमति से पूर्ण पारदर्शिता के साथ क्रय की गयी है।
- ध्यान देने योग्य है कि उपर्युक्त वर्णित भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के समीप मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान (प्राइम लोकेशन) है। इस भूमि के सम्बन्ध में वर्ष 2011 से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में भिन्न-भिन्न समय (2011, 2017 व 2019) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ।
- खोजबीन करने पर भूखण्ड हमारे उपयोग हेतु अनुकूल पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया। भूमि का जो मूल्य माँगा गया, उसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की। अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/-रू0 प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है।
- मूल्य पर सहमति हो जाने के पश्चात् सम्बन्धित व्यक्तियों को अपने पूर्व के अनुबन्धों को पूर्ण करना आवश्यक था, तभी सम्बन्धित भूमि तीर्थ क्षेत्र को प्राप्त हो सकती थी।
- तीर्थ क्षेत्र के साथ अनुबन्ध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का बैनामा होते ही तीर्थ क्षेत्र ने अपने पक्ष में पूर्ण तत्परता एवं पारदर्शिता के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया व पंजीकृत कराया।
- तीर्थ क्षेत्र का प्रथम दिवस से ही निर्णय रहा है कि सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में ही किये जायेंगे, सम्बन्धित भूमि की क्रय प्रक्रिया में भी इसी निर्णय का पालन हुआ है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार द्वारा लगाये गये सभी कर आदि का भुगतान हो जाये।
- आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं की, इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें।———————विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बंस
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