वेद ज्ञान

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वेद ज्ञान

मनुष्य ज्ञान, विज्ञान व शिल्पविद्या की उन्नति से अग्नि, सूर्य, विद्युत व वायु को यंत्र व यानों (परिवहन) आदि में भलीभांति प्रयुक्त करके महान सुख प्राप्त कर सकते व करते हैं।

ऐसे ही योगविद्या की उन्नति व अभ्यास करने से जीवात्मा, मन, प्राण एवं इंद्रियों के सामंजस्य द्वारा योग-समाधि, ईश्वर-साक्षात्कार और मोक्ष प्राप्त किए जा सकते हैं।

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ईश्वर साक्षात्कार के लिए सभी मनुष्यों को प्रयत्न अवश्य करना चाहिए। यही जीवात्मा व मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य है।

प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य।

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