तान्त्रिक प्रयोग : सुरक्षा के लिये-
जबकि रविवार को पुष्य नक्षत्र हो तो चमेली की जड़ को किसी ताबीज आदि में बाँधकर अपने कण्ठ में धारण करने से सुरक्षा होती है ।
शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिये-
जबकि रविवार को पुष्य नक्षत्र हो तो चमेली की जड़ को किसी ताबीज आदि में बाँधकर अपनी भुजा में धारण करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है ।
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औषधीय प्रयोग
चमेली का प्रयोग- सिर , आँख , मुँह , दाँत आदि के रोगों की दवा बनाने में भी किया जाता है । इसके अतिरिक्त यह- घाव , कोढ़ , लकवा , गठिया आदि के रोगों में भी अत्यन्त लाभप्रद है ।
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