वैद संदेश
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परमात्मा सत्य, चित्त और आनन्दस्वरूप होने सहित सर्वव्यापक, सर्वांतर्यामी एवं सर्वशक्तिमान भी हैं।
ईश्वर का वह आनंद स्तुति, प्रार्थना और उपासना से प्राप्त होता है। उपासना की सफलता होने पर ईश्वर का वह आनंद जिस मनुष्य आत्मा में व्याप्त हो जाता है तब उस मनुष्य के मन, बुद्धि आदि मानों हर्ष से नाच उठते हैं।
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संसार में परमात्मा का आनंद ही श्रेष्ठ सुख है। इतर सब भौतिक पदार्थ ईश्वर के आनंद से हेय व निम्न स्तर का सुख देने वाले होते हैं।
– प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य
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