…….वह जगत की उत्पत्ति, धारण आदि क्रियाओं को करने वाला

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वेदामृत
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जगत का रचयिता और पालनकर्ता ईश्वर प्रसिद्ध कीर्ति वाला है। वह जगत की उत्पत्ति, धारण आदि क्रियाओं को करने वाला है। वह दुखियों के दुःख दूर करने वाला तथा दिव्य तेजों से अलंकृत है। ईश्वर अपने शांतिदायक आनन्द-रस में स्नान कराने वाला, चंद्रमा के समान सुंदर और सोमलता ओषधि के समान रस से पूर्ण है।

हम सब मनुष्यों को उस परमात्मा की अपने मन, वाणी तथा कर्मों को शुद्ध बनाकर उपासना करनी चाहिए। इस कर्तव्य पालन से हम यशस्वी एवं ईश्वर के प्रिय बनेंगे।

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-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य

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