मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।जनसंघ के जमाने से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े पुराने कार्यकर्ता और किसानों का बड़ा चेहरा रहे प्रो. राजकुमार त्यागी ने राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया। दिल्ली में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रो.राजकुमार त्यागी को रालोद की सदस्यता ग्रहण कराकर पार्टी में उनका स्वागत किया। गढ़ रोड मीरा एंक्लेव निवासी राजकुमार ने कहा कि भाजपा सरकार जिस तरह किसानों का शोषण कर रही है, किसानों की अनदेखी हो रही है वो ठीक नहीं है। जिस जनसेवा के उद्देश्य से पार्टी स्थापित हुई थी वो अब गायब हैं, इसलिए बदलाव करना पड़ा।
अपनी दशा-दिशा से भटक गई है पार्टी
प्रो.त्यागी ने बताया कि पार्टी को छोड़ने का बड़ा कारण पार्टी के मूल्यों में बदलाव होना है। किसानों के मुद्दों को लेकर व्यथित था। किसानों के लिए देश में जो होना चाहिए था वो नहीं हुआ। अभी 8-9 महीने से किसान धरने पर बैठे है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा। समाज में आर्थिक असमानता लगातार बढ़ती जा रही है। पार्टी में और तरह के मुद्दे आ गए हैं। समाज को एकजुट करने के लिए जो सद्भावना होनी चाहिए उसमें कमी आ रही है।
भाजपा आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे लोगो की पार्टी रही है वो सब अलग-थलग पड़े हैं। पार्टी में जो विचारधारा लेकर चले थे वो गायब हैं। गोविंदाचार्य जी कहते थे भाजपा का चाल, चरित्र भिन्न है वो अब किसी दूसरी दिशा में भिन्न नजर आ रहा है। विकास नीचे तबके से शुरू होना चाहिए 74 साल बाद भी आदमी रिक्शा खींच रहा है।
2 किलो चावल देने से गरीबी नहीं मिटती
प्रो. त्यागी के अनुसार गरीब को 2 किलो चावल देने से किसी की गरीबी दूर नहीं हो जाएगी। किसान सम्मान निधि में 16 रुपए रोज दे रहे हैं 16 रुपए में ब्रेड की पैकेट भी नहीं आती। 500 रुपए महीना देकर डंका पीट रहे हैं कि किसानों का हित किया है लेकिन वो हित दिखता नहीं हैं। किसानों को न कोई बात करता न पूछता, न उनकी बात करता है।