ईश्वर से वेदानुयायी भक्तों की प्रार्थना
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हे सर्वरक्षक प्रभो! आपकी कृपा से हमारे मुंह में वाक् शक्ति, नासिकाओं में प्राणशक्ति, आंखों में दर्शनशक्ति, कानों में श्रवणशक्ति, भुजाओं में बल, और जंघाओं में वेग पराक्रमशक्ति सदा विद्यमान रहे।
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हमारे सभी अंग-प्रत्यंग न्यूनता वा दोषों से रहित होते हुए शरीर के साथ सदा वर्तमान रहें, अर्थात् जब तक शरीर रहें तब तक हमारे सभी अंग-प्रत्यंग स्थिर, बलवान व रोगरहित रहें, शक्तिहीन न हों।
हे परमेश्वर, हमारी उपर्युक्त कामनाएं पूरी करो।
-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन कुमार आर्य
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