कर्मकांडी ब्राह्मणों को दिया गया अक्षय पात्र का राशन किट

0
225

लखनऊ। अक्षय पात्र द्वारा लखनऊ के कर्मकांडी ब्राह्मणों को राशन किट का वितरण किया गया। आचार्य अशोक तिवारी की अध्यक्षता में राशन वितरण का यह कार्यक्रम गोमती नगर में संपन्न हुआ।
इस माह अयोध्या के राम बल्लभाकुंज व वशिष्ट कुंड स्थित गोकुल भवन में भी अक्षयपात्र राशन किट का वितरित किया गया। वहां राम बल्लभाकुंज के स्वामी राजकुमार दास व अक्षयपात्र के स्वामी अनंत दास की मौजूदगी में अक्षयपात्र राशन किट के वितरण की शुरुआत की गयी। यहां पांच सौ साधुओं को राशन किट दिया गया। इस राशन किट में भी चावल, दाल, आटा, चना, तेल व मसाला सहित 21 दिन के भोजन की व्यवस्था थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अक्षयपात्र द्वारा राशन किट बांटे जा रहे है। कोविड संक्रमण को देखते हुए अक्षयपात्र लखनऊ में जहां बलरामपुर हॉस्पिटल, केजीएमयू, सिविल, पीजीआई, लोहिया, लोकबंधु, आस्था व फातिमा अस्पताल के साथ कोविड सेंटर लालबाग में प्रतिदिन मरीजों के तीमारदार को भोजन उपलब्ध करा रहा है वही कई स्थानों पर राशन किट का वितरण भी किया जा रहा है। वाराणसी के बीएचयू व कबीर चौरा हॉस्पिटल में भी भोजन वितरण किया जा रहा है। यही नहीं लखनऊ के चारबाग, केडी सिंह बाबू स्टेडियम व अटल बिहारी वाजपई इकाना स्टेडियम के साथ काकोरी व सरोजनी नगर ब्लॉक में भी गरीबों व श्रमिकों को भोजन दिया जा रहा है। गोरखपुर में भी भोजन के साथ राशन किट गरीबों में वितरित किए जा रहे हैं। लखनऊ में पिछले कई माह से राशन किट बांटे जा रहे है।
अक्षयपात्र फाउंडेशन द्वारा पहले भी राजधानी लखनऊ के साथ वाराणसी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज, कानपुर, कन्नौज, बहराइच, गाज़ीपुर व सीतापुर के नैमिषारण्य सहित कई जिलों में राशन किट बांटा जा चुका है। कोरोना संकट काल में अक्षयपात्र फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष चंचलापति प्रभु के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। उनके अनुसार अक्षयपात्र संस्था की कोशिश रहती है कि देश मे कही कोई भूखा न रहे। पिछले लॉकडाउन के समय मे अक्षयपात्र फाउंडेशन केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना व त्रिपुरा आदि में भी जरूरतमंदों को भोजन तथा राशन देने का काम किया।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here