भूत-प्रेत बाधा को दूर करने के आसान उपाय

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म भूत प्रेत बाधा को दूर करने के चंद सहज उपाय आपको बताने जा रहे है, इसका उद्देश्य अंध विश्वास को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि उन प्राचीन ज्ञान को आगे बढ़ाना है, जो हमे प्राप्त हुआ है, उद्देश्य विल्कुल साफ है, प्रेत-बाधा से ग्रस्त व्यक्ति व परिवार को राहत पहुंचाना।

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1- भूत-प्रेत ग्रस्त व्यक्ति को रविवार के दिन नीम की पत्तियों वाली टहनी से निम्न मंत्र को पढ़ते हुए झाड़ा लागाएं और नीम की सूची पत्तियों की धूनी दें। इस टोटके के प्रयोग से व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाएगा।
मंत्र है-
ओम् ह्रीं क्लीं कंकाल कपालिनी।
कूडंबरी आडंबरी भंकार घ: घ:।।

2- हींग को लहसुन के पानी में पीसकर रोगी को नाक से सुंघायें या आँखों के में काजल की भांति लगाएं। उस पर जिस प्रकार का भी भूत-प्रेत का प्रभाव होगा, वह दूर हो जाएगा।

3- ऊपरी बाधाग्रस्त रोगी व्यक्ति को सामने बिठाकर निम्न मंत्र को बुदबुदाते हुए मोरपंख से झाड़ा लगाएं। इससे प्रेत बाधा दोष का निवारण हो जाता है।
मंत्र है-
बांधो भूत जहां तू उपजो
छोड़ो गिर पर्वत चढ़ाई
सर्ग दुहेली तू जमी
झिलमिलाही हुंकारों हनुमंत
पचारई सभी जरि जरि
भस्म करें जो चापें सींउ।।

4- किसी पर किसी ने टोटका कर दिया हो तो नीम के पत्ते, काली मिर्च, छोटी इलायची और काकड़ासिंगी सभी समभाग लेकर पीस लें। संध्याकाल में सात बार रोगी के ऊपर से उतार कर और मिट्टी के सकोरे में अग्नि लेकर उस पर इस चूर्ण की धूनी करे, जो भी करा-कराया होगा, इस प्रयोग से दूर हो जाएगा।

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5- मन की पवित्रता, पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ श्री हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर निम्न मंत्र को सिद्ध करके भोजपत्र पर लाल चंदन या लाल रंग की स्याही से लिखकर रोगी को ताबीज में धारण करा देना चाहिए।
मंत्र है-
ऊॅँ हां हीं हूं हौं ह: सकल भूतप्रेत दमनाथ स्वाहा।।
उपरोक्त मंत्र का जप दस हजार की संख्या में करना चाहिए। इससे ही यह सिद्ध हो पायेगा। मंत्र-जप के बाद असगंध से हवन करना चाहिए।

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उसके उपरांत कम से कम ग्यारह छोटे बच्चों को भोजन कराना चाहिए। यह सिद्ध मंत्र हर प्रकार की प्रेतबाधा को दूर करन में सक्षम माना जाता है।

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