सामवेद मंत्र 583 में परमात्मा क्या करता है, इस विषय का वर्णन

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वेद विचार
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सामवेद मंत्र ५८३ में परमात्मा क्या करता है, इस विषय का वर्णन है।

मंत्र में ईश्वर भक्त ईश्वर से प्रार्थनापूर्वक निवेदन करता है – हे प्रिय पवित्रताकारी सोम परमात्मन्! आप निश्चय ही विद्वानों के हितकर कर्म को धारण करते हो। सबसे अधिक देदीप्यमान आप जन्मधारी सदाचारी विद्वान मनुष्यों को सांसारिक दुखों से मुक्ति के लिए अधिकारी घोषित करते हो।

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मंत्र का भावार्थ है कि परमेश्वर कर्मानुसार फल प्रदान करता हुआ देव पुरुष वा सदाचारी विद्वानों का हित ही सिद्ध करता है। वही मोक्ष के अधिकारी जनों को मोक्ष (आवागमन से रहित ईश्वर के सान्निध्य में ३१ नील १० खरब वर्षों से अधिक अवधि तक अनेक शक्तियां, आनंद व सुख) देकर सत्कृत करता है।

अतः हमें परमेश्वर के सत्यस्वरूप को जानकर उसकी स्तुति, प्रार्थना व उपासना करते हुए उसकी वेद विहित आज्ञाओं का पालन करना चाहिए जिससे हम मोक्ष प्राप्त कर सकें।

-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य

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