लखनऊ 27 नवम्बर 2021 भारतीय जनता पार्टी के राज्य मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक व राज्यसभा सांसद श्री बृजलाल ने शनिवार को कहा कि प्रदेश में अपराधों का रोना रोने वाले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव शायद भूल गए है कि 2012 से 2017 की शुरूआत तक उनके कार्यकाल में प्रदेश में किस तरह का गुंडाराज और माफियाराज था। वे यह भी भूल गए कि जिस संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से मुलायम सिंह यादव और खुद अखिलेश संसद पहुंचे वह किस तरह से आंतकवाद की फैक्ट्री में बदल गया था। और तो और वे यह भी भूल गए कि उन्होंने ने अपने घोषणा पत्र में न सिर्फ आंतकवादियों के खिलाफ मुकदमें वापस लेने का वादा किया था और सत्ता में आने के बाद मुकदमें वापस लेने की भरसक कोशिश भी की थी। उन्होंने कहा कि सपा का चुनाव निशान लाइट मशीन गन होना चाहिए था क्योंकि एके 47 से कृष्णानन्द राय को 67 गोली मारी गई थी, इस कांड में भी सपा का हाथ था।
श्री बृजलाल ने पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश आतंकवाद और गुंडाराज का गढ़ बन गया था। आतंकी, गुंडों और माफियाओं को सैफई परिवार की पूरी शह मिली हुई थी। उन्होने कहा कि यही अखिलेश यादव थे जिनके मुख्यमंत्री रहते हुए प्रतापगढ़ में एक जांबाज पुलिस अधिकारी जिया-उल-हक की निर्मम हत्या कर दी गयी थी। यह अखिलेश यादव ही थे, जिनके कार्यकाल में जवाहरबाग में अवैद्य कब्जा हटाने गए दो पुलिस अधिकारी मुकुल द्विवेदी और संतोष यादव शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि लोग कैसे भूल सकते है कि अखिलेश सरकार ने कैसे दिल्ली के बाटला हाउस, अजमेर ब्लास्ट, लखनऊ में कचहरी में हुए बम धामकों, वाराणसी में हुए सीरियल ब्लास्ट में शामिल इंडियन मुजाहिदीन के आंतकियों के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लेने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मैं सलाम करता हूं न्यायालय को जिसने इनअखिलेश यादव शायद भूल गए है कि 2012 से 2017 की शुरूआत तक उनके कार्यकाल में प्रदेश में किस तरह का गुंडाराज और माफियाराज अपने मंसूबे पूरे नहंी करने दिये और बाद में कुछ आंतकियों को फांसी की सजा सुनायी और कुछ को आजीवन करावास से दंडित किया।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि हमने कई अपराधियों को पकड़ा था तब कांग्रेस और सपा रो रही थी। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2007 को सीआरपीएफ कैंप रामपुर पर अटैक हुआ था। उन्होंने कहा कि अखिलेश की ही सरकार थी जिसमें मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बरेली, फैजाबाद, गजियाबाद को मिलाकर 200 से भी ज्यादा बडे़ दंगे हुए थे।
श्री बृजलाल ने कहा कि योगी राज में हमारा प्रदेश दंगामुक्त हो चुका है। संगठित अपराध पर लगाम लगी है। मुख्तार अंसारी और अतीक सरीखें माफिया जेलों में सड़ रहे हैं। सपा के नेता बाहुबल का इस्तेमाल करते थे, हमारी सरकार ने 1800 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया है और अभी भी बुलडोजर चल ही रहे हैं। अब तालिबानी विचारधारा को भी भाजपा सरकार कुचल रही है।
राज्यसभा सांसद ने पीएफआई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस संगठन ने अनेक घटनाएं की हैं। सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ इंडिया एक आतंकी संगठन है और अखिलेश उसके साथ थे। उन्होंने कहा कि कैराना में हिंदुओं को भगाया गया था। आज कैराना में कोई पलायन नहीं करता। सपा सरकार में कैराना को लेकर प्रमोद कृष्णम की कमेटी ने लीपापोती की जाती है। योगी आदित्यनाथ ने 75 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की है। सवा चार लाख पुलिसकर्मियों की संख्या है। 213 नए पुलिस स्टेशन, यूपीएससीएफ बनाई गई है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारी गिरावट आई है।
अखिलेश भूल गए, उनके कार्यकाल का गुंडाराज- माफियाराज
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