हृदय रोग, पीठ और कमर दर्द, मुंहासे व झांइयों का निराकरण, दाग- धब्बे हटाने में रुद्राक्ष प्रभावशाली होता है। यह बेहद प्रभावशाली उपाय हैं।
हृदय रोग में रुद्राक्ष-
रुद्राक्ष को ठंडे और शुद्ध जल में भिगोकर रख दीजिए।
तीन-चार घंटे बाद सोमवार को भगवान भूतभावन भगवान शंकर शिव की पूजा अर्चना करके उक्त जल को रोगी को पिला दीजिए। कुछ दिनों में यह हृदय रोग ठीक हो जाएगा।
पीठ और कमर दर्द-
किसी भी मुखी रुद्राक्ष को कमर में बांध्ो और मंत्रसिद्ध चैतन्य रुद्राक्ष की माला को गले में धारण की कीजिए। इससे दर्द में शीघ्र ही लाभ होगा, बस पूर्ण आस्था से शिव जी का नमन और पूजन आवश्यक है।
मुंहासे का निराकरण-
रुद्राक्ष, कूट, वट वृक्ष, चमेली के पत्ते और लाल चंदन सबको पानी में पीसकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासे से दूर होते हैं। यह बेहद प्रभावशाली उपाय है।
झांइया-
रुद्राक्ष और मजीठ बराबर मात्रा में लेकर महीन तरीके से पीस लीजिए। इसके बाद इसे कपडछन करके, थोड़े से मक्खन में मिलाकर मुख पर रात को सोने से पूर्व लेप कीजिए।
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इससे झांइयां दूर होती है। यह बेहद प्रभावशाली उपाय है। इससे चेहरे की झांइयां ठीक हो जाती है। चेहरे में निखार आता है।
दाग- धब्बे हटाने के उपाय-
रुद्राक्ष, वट वृक्ष के पीले पत्ते, चमेली का पंचागं, काली अगर, पठानी, लोध, कूट और लाल चंदन सबको मिलाकर पानी के साथ पीसकर चेहरे में लेप करने से कुछ ही दिनों में चेहरें के दाग-धब्बे साफ हो जाते है।
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