पुत्र की प्राप्ति के लिए संतान गोपाल मंत्र अत्यन्त प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का नियमपूर्वक जप करने से भगवान श्री कृष्ण की असीम कृपा होती है और पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
ध्यान मंत्र है-
मत्स्यं कूर्मं वाराहां च वामनं च जनार्दनम्।
गोविन्द पुण्डरीकाक्षं नृसिंह च मधु सूदनम्।।
माधवं पद्नाभं सहस्त्राक्षं वनमाली हलायुधम्।
गोवर्द्धन हृषि केशवं वैकुण्ठम् पुरुषोत्तम:।
विश्वरूपं वासुदेवं रामं नारायणम् हरिम्।
दामोदरं श्रीधरं च वेदांग गरुड़- ध्वजम्।
अनन्त कृष्ण गोपालं जपतो पावत रत्न पुत्रम।।
ध्यान मंत्र के समाप्त होने के बाद 1०8 मनके वाली पुत्रजीवा की माला से निम्न उल्लेखित संतान गोपाल मंत्र जप करना चाहिए।
संतान गोपाल मंत्र-
ऊॅँ देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
देहिम तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
उक्त मंत्र का नित्य कम से कम एक माला जप आवश्य करना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण की असीम कृपा आप पर होगी। पूजन विधि को विस्तार से जानने के लिए किसी विद्बान पंडित से सम्पर्क करें तो बेहतर रहेगा। यहां संतान गोपाल पूजन की विधि पर संक्ष्ोप से प्रकाश डाला गया है, ताकि भक्तों को इस प्रभावशाली मंत्र की जानकारी हो सके।
द्बादशाक्षरी श्री कृष्ण जप मंत्र-
ऊॅँ नमो भगवते वासुदेवाय।।
इस मंत्र का प्रतिदिन 11 माला जप करने से और एक माला का हवन घी मिश्रित तिल से करने से भगवान वासुदेव समस्त कामनाओं की पूर्ति करते हैं।
अष्ट दशाक्षर श्री कृष्ण मंत्र-
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय
गोपींजन वल्लभाय स्वाहा
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