रसातल में पहुंची ठाकरे की विरासत

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रसातल में पहुंची ठाकरे की विरासत

 

rasaatal mein pahunchee thaakare kee viraasat .. पार्टी ने उन्हें काफी कुछ दिया है। उन्होंने गलत रास्ता अपनाया है और वे 24 घंटे में अपना पद गंवा देंगे। विद्रोही खेमे के अन्य मंत्री शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार और बच्चू कडू हैं। कडू, प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं जो शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। 

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कहते हैं कि एक चूक आदमी के सारे किए धरे पर पानी फेर देती है। यह सच है, इसका प्रमाण आजकल महाराष्ट्र की सियासत में देखने को मिल सकती है। वह महाराष्ट्र जहां शिव सेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे का सदा से ही सम्मान रहा है। उनकी एक आवाज पर मुम्बई ठहर जाती थी। पक्ष हो या विपक्ष सभी उनका सम्मान करते थे। उन्होंने ऐसी विरासत बनाई थी, जिसकी जड़ में हिंदुत्व कूृट-कूट कर बसा था। ऐसी विरासत को जब उद्धव ठाकरे ने संभाला तो उनसे देश व प्रदेश को बहुत उम्मीदें थी, क्योंकि वह बालासाहब से बेटे हैं, लेकिन अपने अहं की पूर्ति के लिए जिस तरह से उद्धव ठाकरे ने उन दलों से मिलकर सरकार बनाई, जिन दलों की नीति और नीयत पर बाला साहब हमेशा सवाल उठाते रहे थे। जिसका नतीजा यह है कि शिव सेना की जड़ों में दीमक लग गया और उसने धीरे-धीरे उस विरासत रूपी वृक्ष को जड़़ से खोखला करना शुरू कर दिया। महाराष्ट्र में सरकार गठन के ढाई साल बाद आखिरकर इसका असर दिखा, जब शिवसेना में साफ तौर फूट दिखाई दी। एकनाथ शिंदे इस बगावत का बेशक सूत्रधार बने दिख रहे हो, लेकिन शिवसेना जिस तरह के समझौता की राजनीति के पथ पर चल पड़ी थी, उसका हश्र तो यह होना एक न एक दिन तय माना जा रहा था। वजह यह है कि जिस हिंदुत्व के मुद्दे पर बाला साहब ताउम्र लड़ते रहे, उन्हीं मुल्यों से विगत ढ़ाई वर्ष में उद्धव जी समझौता करते नजर आए।

 उद्धव अधिकृत 
मुंबई । शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पार्टी से विश्वासघात करने वालों के खिलाफ कार्वाई के लिए अधिकृत किया, लेकिन बागी नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ तत्काल कार्वाई करने से परहेज किया। पार्टी की कार्यकारिणी ने यहां हुई बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया जिसके मुताबिक कोई अन्य राजनीतिक संगठन शिवसेना और इसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का उपयोग नहीं कर सकता है। यह कदम ऐसे समय आया है जब गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट ने कहा कि उसने अपना नाम शिवसेना (बालासाहेब) रखा है। पार्टी सांसद संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, कार्यकारिणी ने फैसला किया कि शिवसेना बाल ठाकरे की है तथा हिंदुत्व और मराठी गौरव की उनकी उग्र विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। शिवसेना इस रास्ते से कभी नहीं हटेगी। राउत ने संवाददाताओं से कहा, उसने (कार्यकारिणी ने) एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पार्टी के साथ विश्वासघात करने वालों के खिलाफ कार्वाई करने का पूरा अधिकार दिया गया।
पद गंवा देंगे 
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे के खेमे में गए महाराष्ट्र के बागी मंत्री 24 घंटे में अपना पद गंवा देंगे। इससे पहले दिन में, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शिवसेना अध्यक्ष एवं राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य के वरिष्ठ मंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ कार्वाई करने के लिए अधिकृत किया। शाम को एक मराठी समाचार चैनल से राउत ने कहा, उन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे, संदीपन भुमरे जैसे मंत्रियों को शिवसेना का वफादार कार्यकर्ता माना जाता था, जिन्हें उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट मंत्री बनाया था… पार्टी ने उन्हें काफी कुछ दिया है। उन्होंने गलत रास्ता अपनाया है और वे 24 घंटे में अपना पद गंवा देंगे। विद्रोही खेमे के अन्य मंत्री शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार और बच्चू कडू हैं। कडू, प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं जो शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। राउत ने यह भी दावा किया कि जब शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था और कहा था कि मुख्यमंत्री का पद दोनों दलों के पास बारी-बारी रहेगा, तो ठाकरे के मन में इस शीर्ष पद के लिए शिंदे का नाम था।
 विलय नहीं 
शिवसेना के असंतुष्ट विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को कहा कि विधायक दल में बागी गुट के पास दो-तिहाई बहुमत है और वह सदन में अपनी संख्या साबित करेगा लेकिन किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ विलय नहीं करेगा। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी विधायक असम के गुवाहाटी शहर में डेरा डाले हुए हैं जिनकी बगावत से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गुवाहाटी से एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में केसरकर ने कहा कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है, लेकिन अपने समूह का नाम शिवसेना (बालासाहेब) रखा है और शिंदे को अपना नेता चुना है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 16 या 17 लोग 55 विधायकों के समूह के नेता को नहीं बदल सकते हैं और शिवसेना का बागी गुट शिंदे को शिवसेना समूह के नेता के रूप में बदलने के महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के आदेश को अदालत में चुनौती देगा। केसरकर ने कहा, विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से कहा था कि हमें उस पार्टी के साथ रहना चाहिए जिसके साथ हमने चुनाव लड़ा था.. जब इतने सारे लोग एक ही राय व्यक्त करते हैं, तो उसमें कुछ ठोस होना चाहिए।
पुणे में तोडफ़ोड़ 
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पार्टी के बागी विधायक तानाजी सावंत के एक कार्यालय में तोडफ़ोड़ की, जो इस समय एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अन्य बागियों के साथ गुवाहाटी में हैं। शिवसेना कार्यकर्ताओं का एक समूह कटराज इलाके में स्थित भैरवनाथ शुगर वर्क्स के कार्यालय में घुस गया और सावंत के कार्यालय को क्षतिग्रस्त कर दिया। कार्यालय में घुसने वाले समूह का हिस्सा रहे शिवसेना के पार्षद विशाल धनवाड़े ने यह जानकारी दी। धनवाड़े ने कहा, सावंत के कार्यालय में तोडफ़ोड़ तो बस एक शुरुआत है। हर गद्दार (बागी विधायक) के कार्यालय को आने वाले दिनों में तोड़ दिया जाएगा। सावंत उस्मानाबाद जिले के परांदा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सावंत ने राजनीतिक संकट के हल होने के बाद जैसे को तैसा प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। उन्होंने मराठी में फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, हम अपने नेता एकनाथ शिंदे के आदेश के कारण धैर्य रखे हुए हैं। इस राजनीतिक मुद्दे के सुलझने के बाद हम जैसे को तैसा जवाब देंगे। यह मेरा विनम्र अनुरोध है (तोड़ फोड़ करने वाले) अपनी हद में रहें। घटना के बारे में पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल ने कहा, सावंत के चीनी कारखाने के कार्यालय पर दिन में साढ़े 10 बजे से 11 बजे के बीच हमला किया गया।
 हिरासत में पांच समर्थक
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण सीट से लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे के कार्यालय पर पथराव करने के आरोप में ठाणे जिले में शनिवार को शिवसेना के कम से कम पांच समर्थकों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। यह घटना सांसद के उल्हासनगर स्थित गोल मैदान कार्यालय में दोपहर एक बजे हुई और इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो में कुछ लोगों को श्रीकांत शिंदे के उल्हासनगर कार्यालय पर पथराव करते और एक बोर्ड को नुकसान पहुंचाते हुए देखा गया तथा वे उद्धव ठाकरे के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। वीडियो में चार पुलिसकर्मी आठ से दस लोगों के समूह का पीछा करते हुए देखे जा सकते हैं। उल्हासनगर के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के लिए जिम्मेदार शिवसेना के पांच समर्थकों को हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच जारी है। इसके अलावा, नवी मुंबई में एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। नागपुर और नासिक से भी इसी तरह की घटनाओं की सूचना मिली है। इस बीच, मुंबई के कुर्ला इलाके के नेहरूनगर में विधायक मंगेश कुडालकर के कार्यालय में लगे बोर्ड से तोडफ़ोड़ करने के आरोप में शिवसेना के कुछ पदाधिकारियों सहित कम से कम 20 समर्थकों को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया।
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