sonaagiree : jain teerthakar ne yahaan paanch karod bhakton ke saath nirvaan praapt kiya thaसोनागिरी: सोनागिरि, ग्वालियर से 60 कि॰मी॰ दूर जिला दतिया मध्य प्रदेश में स्थित है। यह स्थान मुख्यतः जैन तीर्थ है। सोनागिरी मध्य रेलवे पर डबरा – दतिया के मध्य एक छोटा सुंदर स्टेशन है, जहां से स्थल 5 किलोमीटर पर स्थित है। यहां टैंपो या तांगे द्वारा पहुंचा जाता है। यह पवित्र स्थल मुनियों, संतों व भक्तों हेतु निर्वाण या मोक्ष प्राप्त करने का उत्तम स्थल है। यहां पर अनेक संत व मुनियों ने मोक्ष प्राप्त किया है। यहां पर जैन संप्रदाय के 8 वें तीर्थकर भगवान चंद्रप्रभु ने अपने साढ़े पांच करोड़ भक्तों के साथ निर्वाण या मोक्ष प्राप्त किया था।
भगवान चंद्रप्रभु यहां सत्रह बार पधारे थे। नंग, अनंग, चिंतागति, पूर्णचंद्र, अशोक सेन, श्री दत्ता, स्वर्णभद्रा और अनेक संत मुनियों ने यहां निर्वाण प्राप्त किया था। यह उत्तम स्थान लघु समद शिखर के नाम से प्रसिद्ध है और लगभग 132 एकड़ के पर्वतीय क्षेत्र में फैला है। यहां पर 77 अति सुंदर बड़े व भव्य मंदिर हैं, जिनके शिखर आकाश की ऊंचाइयों तक है। इनमें मंदिर क्रमांक 57 मुख्य मंदिर माना जाता है। आचार्य शुभचंद्रा व भर्तृहरि ऋषि ने यहां निवास करके आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया तथा कुछ ग्रंथों का लेखन भी किया था। मंदिर क्रमांक 57 आकार में अत्यधिक बड़ा व भव्य है और इसमें आकर्षक कलाकारी की गई है। इसके अंदर भगवान चंद्रप्रभु की 11 फीट लंबी मूर्ति स्थापित है। इसी के साथ भगवान श्रीतलनाथ एवं पार्श्वनाथ की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर के समक्ष एक 43 फीट ऊंचा पवित्र स्तंभ भी स्थापित है। 77 मंदिरों के अतिरिक्त भी 26 मंदिर पर्वत पर स्थित हैं, जो अधिकतर प्राचीन हैं।
कुंद कुंद नगर में 25 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर भगवान बाहुबली की 18 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है। इसके समक्ष एक बड़ा हाल है, जहां आध्यात्मिक ध्यान किया जाता है। यहीं पर अनेक पवित्र स्थलों के सुंदर माडल्स भी बनाए गए हैं। ये माडल्स हैं- समद शिखर, गिरनार, चंपापुर तथा पावापुर आदि के। ये सभी निर्वाण या मोक्ष प्राप्ति के सुंदर स्थल हैं। यहां अनेक धर्मशालाएं भी हैं, जहां प्रत्येक में अपने अपने मंदिर हैं और पृथक् – पृथक् भगवानों को मूर्तियां स्थापित हैं। चूंकि संपूर्ण स्थल पर्वतीय है, अतः सुंदर दृश्यों से भरपूर है, जो मन और आंखों को अपूर्व आनंद देता है। इस स्थल के पास अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं, जैसे भगवान आदिनाथि की मूर्ति आदि। चंदेनी, पापुराजी, थिबोनीजी, देवगढ़ और अनेक दर्शनीय स्थल पास में ही स्थित हैं। टैक्सी व बसों द्वारा इस स्थल पर झांसी व ग्वालियर से पहुंचा जा सकता है। हवाई पट्टी झांसी व ग्वालियर में स्थित है।