बगलामुखी माता को प्रसन्न करने के शक्तिशाली मंत्र

0
2007

देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में एक हैं। भगवती का बगलामुखी स्वरूप अत्यन्त दिव्य है, यह साधक पर शीघ्र प्रसन्न होने वाली देवी है। इनकी कृपा से मनुष्य का कल्याण ही होता है।

Advertisment

साधक को चाहिए कि सच्चे मन-वचन-कर्म से भगवती के बगलामुखी स्वरूप की पूजा-अर्चना करें। पूजन में पवित्रता का विश्ोष महत्व बताया गया है।

यह भी पढ़ें- आदिशक्ति भगवती दुर्गा की दस महाविद्याओं की कैसे करें उपासना, जानिए

पवित्र मन-वचन को धारण कर साधन को भगवती बगलामुखी के अर्चन में लगना चाहिए। जो साधक इन देवी का ध्यान-अर्चन और मंत्र जप करते है। इनके अर्चन और मंत्र का जप करने से शत्रुओं का स्तंभन होता हैं। विजय और धन-मान देने वाली भगवती बगलामुखी माता का ध्यान करने से जीव का कल्याण ही होता है। उसे दिव्य अनुभूतियां भी प्राप्त होती है।

श्री बगलामुखी जप मंत्र-

ऊॅँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं।
मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय
बुद्धि विनाशय ह्रीं ऊॅँ स्वाहा।।
पीले आसन पर बैठकर पीले वस्त्र धारण करके हल्दी की माला से जप करें। मंत्र सिद्धि के लिए एक लाख मंत्र जप करें और अन्त में चम्पा के फूल से दस हजार मंत्र होम करें।

श्री बगलामुखी देवी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए ग्यारह माला मंत्र का प्रतिदिन जप करना उत्तम होता है। मनुष्यों को वश में करने के लिए मधु, घी, शक्कर और तिल से हवन करें।

यह भी पढ़ें- जानिए, श्रीयंत्र यानी श्रीचक्र की महिमा, प्राण प्रतिष्ठा विधि, वैज्ञानिक भी हैरान

सभी दुखों के निवारण के लिए दूब यानी दुर्वा, गुरुच और लावा मिश्रित करके हवन करना चाहिए। इस तरह हवन करने से श्री बगलामुखी जी की कृपा से मनुष्य को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। उसका कल्याण होता है।

यह भी पढ़ें- आदि शक्ति दुर्गा के दस महाविद्या स्वरूप, प्रादुर्भाव गाथायें

यह भी पढ़े- भगवती दुर्गा के 51 शक्तिपीठ, जो देते हैं भक्ति-मुक्ति, ऐसे पहुचें दर्शन को

यह भी पढ़ें – वैैष्णो देवी दरबार की तीन पिंडियों का रहस्य

यह भी पढ़ें – जानिए, क्या है माता वैष्णवी की तीन पिण्डियों का स्वरूप

यह भी पढ़ें – जाने नवरात्रि की महिमा, सभी मनोरथ सिद्ध करती हैं भगवती दुर्गा

यह भी पढ़ें – भगवती दुर्गा के 1०8 नामों का क्या आप जानते हैं अर्थ

यह भी पढ़ें – त्रिपुर सुंदरी माता को अतिशीघ्र प्रसन्न करने वाले शक्तिशाली मंत्र

 

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here