sharaab-kee-aadat-chhudaen-kaise-gais-kabz-mein-bhee-faayadaमलेरिया ज्वर – मलेरिया में ज्वर आने के पहले सेब खाने से ज्वर आने के समय, ज्वर नहीं आता। बच्चों के पेट के रोगों में नित्य सेब खिलाना लाभदायक है।
यकृत ( Liver ) —सेब यकृत रोगों में लाभदायक है। इससे यकृत को शक्ति मिलती है।
बच्चों के दस्त – जब बच्चों को दूध नहीं पचता हो, दूध पीते ही कै और दस्त हों तो उनका दूध बन्द करके थोड़े – थोड़े समय के बाद सेब का रस पिलाने से क्रै और दस्तों में आराम आ जाता है। पुराने दस्तों में सेब का रस लाभदायक है। मरोड़ लगकर होने वाले बड़े लोगों के दस्तों में भी यह लाभदायक है। सेब का रस खून के दस्तों को बन्द करता है। दस्तों में सेब बिना छिलके वाली होनी चाहिए। दस्तों में सेब का मुरब्बा भी लाभदायक है। सेब के छिलके उतारकर छोटे – छोटे टुकड़े करके दूध में उबालें। इस दूध का आधा कप प्रति घण्टे से पिलाने से दस्त विशेषकर गर्मी में होने वाले दस्त बन्द हो जाते हैं।
उल्टी – सेब के रस में स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर पीने से उल्टी होना बन्द हो जाता है।
गर्भावस्था की उल्टी – सेब के बीज आधा चम्मच, दो कप पानी में डालकर उबालें। एक कप पानी रहने पर छानकर सुबह – शाम पियें। गर्भावस्था में होने वाली उल्टियाँ बन्द हो जायेंगी।
ई – कोलाई- सेब व दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। उबला सेब व दालचीनी उल्टी – दस्त के रोगियों के लिए लाभकारी है क्योंकि इनमें ई – कोलाई नाम के बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है। क्रीम न मिलाएँ तो रोगियों को तुरन्त आराम मिलेगा।
गैस- सेब का रस पाचन अंगों पर एक पतली तह चढ़ा देता है जिससे वे संक्रमण और बदबू से बचे रहते हैं। वायु उत्पन्न होना रुक जाता है। मलाशय और निचली आँतों में दुर्गन्ध, संक्रमण नहीं होता। सेब का रस पीने के बाद गर्म पानी पीना चाहिए। आँतों में घाव, शोथ रहने पर सेब का रस पीते रहने से आराम मिलता है।
कब्ज़- प्रातः भूखे पेट तथा खाना खाने के बाद शाम को एक सेब खाने से कब्ज दूर होती है। सेब का छिलका दस्तावर भी होता है। कब्ज़ वालों को सेब छिलके सहित खाना चाहिए, दस्त वालों को बिना छिलके के।
कृमि – दो सेब रात को सोते समय कुछ दिन, कम – से कम सात दिन खाने से कृमि मरकर व मल के साथ बाहर आ जाते हैं। सेब खाने के बाद रात भर पानी न पिये।
शराब की आदत- सेब का रस बार – बार पीने से, अच्छी तरह पका हुआ एक – एक सेब नित्य तीन बार खाते रहने से शराब पीने की आदत छूट जाती है। नशे के समय सेब खाने से नशा उतर जाता है। इसका रस भी पिया जा सकता है। भोजन के साथ सेब खाने से भी शराब की आदत छूट जाती है। उबले हुए तीन सेब नित्य तीन बार खाने से कुछ ही दिनों में शराब पीने की लत छूट जाती है। मानसिक रोग, कफ, खाँसी, यक्ष्मा में सेब का रस, इसका मुरब्बा लाभप्रद है।
मात्रा — एक बार में एक से तीन सेब तक, जितने खाए जा सकें, खायें।
सावधानी – गला बैठने पर सेब न खायें। गाने वाले सेब न खायें।